- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- बिहार की कहानी उलटी
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों के भारत को काफी समर्थन मिला। 19 राजनीतिक दलों ने इसका साथ दिया। संकेत यह है कि ये आंदोलन अब देश भर में फैलता जा रहा है। किसानों को यह समझाना सरकार के लिए मुश्किल बना हुआ है कि नए कानून किसानों के हित में हैं। यह समझाने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने कुछ रोज पहले में बिहार के 2006 में एपीएमसी (कृषि उत्पाद विपणन समितियां) एक्ट को खत्म करने के फैसले का जिक्र किया। कहा गया कि उससे किसानों को लाभ हुआ और अब उसी तर्ज पर देश भर में ये कानून बनाया गया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ये भी हाल में ये कहा था कि कृषि बिल से किसानों के फसल खरीद में कोई कठिनाई नहीं होने वाली है। लेकिन एक वेबसाइट ने आरटीआई के जरिए हासिल सरकारी दस्तावेजों के आधार पर बताया है कि बिहार के कृषि मंत्रालय ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर कहा था कि बिहार में यहां न तो पर्याप्त गोदाम हैं, और न ही खरीदी की व्यवस्था अच्छी है।