सम्पादकीय

मूल्यांकन से परिणाम

Triveni
31 July 2021 3:30 AM GMT
मूल्यांकन से परिणाम
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कोरोना महामारी से प्रभावित समय में आखिरकार केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कक्षा 12वीं के परिणाम घोषित कर दिए।

कोरोना महामारी से प्रभावित समय में आखिरकार केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कक्षा 12वीं के परिणाम घोषित कर दिए। 12वीं पास करने वाले विद्यार्थियों के लिए यह भावनाओं का मिला-जुला अवसर होगा। ज्यादातर विद्यार्थी न तो स्कूल गए थे और न प्रत्यक्ष पढ़ाई ही की थी, इसके बावजूद वैकल्पिक मूल्यांकन पद्धति से जो परिणाम आए हैं, उनकी प्रशंसा करनी चाहिए। इस वर्ष 99.37 प्रतिशत छात्र उत्तीर्ण हुए हैं। 99.67 प्रतिशत लड़कियां और 99.13 प्रतिशत लड़के सफल हुए हैं। इस बार भी लड़कियों ने लड़कों से बेहतर प्रदर्शन किया है। हालांकि उनमें अंतर ज्यादा नहीं है, लेकिन यह एक संकेत है कि जिन लड़कियों को मौका मिल रहा है, वे लड़कों से बेहतर पढ़ाई कर रही हैं। पढ़ाई के प्रति लड़कियों का लगाव कोई तुक्का नहीं है।

यह अपने आप में इतिहास है कि किन हालात में परिणाम आए हैं। देश भर में कोरोना संक्रमण में वृद्धि के चलते केंद्र सरकार द्वारा 12वीं की परीक्षा रद्द कर दी गई थी। बोर्ड ने बाद में 12वीं के मूल्यांकन का मानदंड तैयार करने के लिए 13 सदस्यीय समिति का गठन किया था। देश की सर्वोच्च अदालत को भी समाधान तलाशने के लिए आगे आना पड़ा था। देश में कई लोग प्रत्यक्ष परीक्षा कराने के पक्ष में थे, लेकिन अंतत: परीक्षा न कराने पर सहमति बनी और मूल्यांकन का पैमाना तय हुआ। अब यह हमेशा के लिए इतिहास में दर्ज हो गया है कि कोरोना महामारी के कारण सीबीएसई की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं रद्द कर दी गई थीं और छात्रों का परिणाम मूल्यांकन फॉर्मूला से घोषित किया गया था।
वैसे संकट के समय भी परिणाम देखकर उत्साह बढ़ना लाजिमी है। 5.37 प्रतिशत छात्रों को 95 फीसदी से ज्यादा और 11.51 फीसदी छात्रों के 90 से 95 फीसदी के बीच अंक आए हैं। मतलब अपने देश में सौ में से 17 विद्यार्थी 90 प्रतिशत से ज्यादा अंक हासिल कर रहे हैं। संभावना है कि यदि प्रत्यक्ष परीक्षा हुई होती, तो 20 प्रतिशत से ज्यादा विद्यार्थियों को 90 प्रतिशत से ज्यादा अंक हासिल होते। खैर, इन परिणाम के बावजूद प्राइवेट व पत्राचार वाले छात्रों को तो 16 अगस्त से 15 सितंबर के बीच परीक्षा देनी पड़ेगी। कोरोना संकट के समय उन्हें ज्यादा नुकसान हुआ है। उन्हें किसी मूल्यांकन प्रक्रिया द्वारा पास करना आसान नहीं है। भविष्य के लिए यह एक संकेत है कि संकट के समय में स्वतंत्र रूप से या पत्राचार के जरिए पढ़ाई करने वालों को नुकसान होगा। इन परिणामों ने हमें बहुत सिखाया है। क्लास टेस्ट से लेकर सामान्य कक्षा परीक्षाओं में भी पूरे मनोयोग व मेहनत से प्रदर्शन करना चाहिए। भविष्य में जब भी ऐसे संकट के मौके आएंगे, तब किसी भी छात्र का मूल्यांकन उसके पिछले प्रदर्शन के आधार पर ही किया जाएगा। जो छात्र उत्तीर्ण हुए हैं, उन्हें आगे भी चुनौतियों का सामना करने के लिए दूसरे छात्रों की तुलना में ज्यादा मुस्तैद रहना पड़ेगा। इस बैच के छात्रों की किसी से तुलना तो नहीं होनी चाहिए, लेकिन होगी जरूर, अत: इस बैच के छात्रों को अतिरिक्त रूप से मेहनत करते हुए योग्यता के पैमाने पर खरा उतरना पडे़गा। इन छात्रों के संरक्षण और शैक्षणिक विकास के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों को भी सजग रहना होगा। मूल्यांकन के आधार पर परिणाम देने से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि ऐसे छात्रों के लिए आगे की शिक्षा का मार्ग प्रशस्त किया जाए।


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