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- जनप्रतिनिधियों की...
भारत में चुनाव विराट उत्सव की तरह होते हैं लेकिन यह दौर कोविड की भयावह लहर का है। इसी वजह से पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण होते हुए भी परिणाम आने के बाद कोई उत्सव का माहौल नहीं। जब चुनावों का माहौल शुरू हुआ था तो तब कल्पना भी नहीं की जा सकती थी कि देशभर में मौत फिर से मंडराने लगेगी। अब जबकि पांच राज्यों में चुनाव सम्पन्न हो चुके हैं और सरकारों के गठन की कवायद भी शुरू हो चुकी है। अब राज्य सरकारों और नवनिर्वाचित जन प्रतिनिधियों की जिम्मेदारी बनती है कि कोरोना संक्रमण पर जीत हासिल करने के लिए ठोस उपाय करें। पांच राज्यों के चुनावों से जुड़े राजनीतिज्ञ, सांसद और विधायक अब अपने-अपने क्षेत्रों में लौट कर कोरोना प्रभावित क्षेत्रों में जरूरी सुविधाएं बहाल करने के लिए काम करे। उन्हें जल्द से जल्द प्रशासनिक अधिकारियों से मिलकर काम करना चाहिए ताकि सरकारी और निजी अस्पतालों में न तो आक्सीजन की और न ही दवाइयों की कमी हो। उन्हें इस बात की भी निगरानी रखनी होगी कि समाज विरोधी तत्व संक्रमित लोगों से ठगी न कर सके।