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- उपेक्षित को सम्मान
Written by जनसत्ता: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने उपराष्ट्रपति पद के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। इससे कुछ दिन पहले इसने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित किया और देश की जनता समेत समूचे विपक्ष को भी चकित कर दिया। पद्म पुरुस्कारों की घोषणा पर भी लगभग वैसी ही स्थिति देश के सामने रही, जब ऐसे-ऐसे लोगों के नाम खोज कर लाए गए कि कल्पना करना भी मुश्किल था देश के लिए।
निस्वार्थ और योग्य लोगों को समाज में जो सम्मान मिलना चाहिए, उन्हें यथोचित सम्मान प्रदान किया गया। इसे देख कर जनता को विश्वास हुआ कि वाकई देश में अब सकारात्मक और अकल्पनीय परिवर्तन की शुरुआत हो चुकी है। विभिन्न क्षेत्रों में निस्वार्थ भाव से सेवा कार्य कर रहे लोगों में भी एक आस जगी कि अब उनके कामों की भी सराहना की संभावना बढ़ गई है।
भारत और दक्षिण कोरिया के परस्पर संबंध प्रगाढ़ करने के लिए दक्षिण कोरिया के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री यून सुख सियोल ने दक्षिण कोरियाई सुरक्षा में आदर्श बदलाव लाने का प्रस्ताव किया है, जिससे वैश्विक शांति, आर्थिक समृद्धि सुदृढ़ बनाने के लिए आवश्यक माना है। भारत की 'एक्ट ईस्ट' नीति और दक्षिण कोरियाई रणनीति एक-दूसरे की पूरक हैं, जिसमें दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र के अन्य देशों के साथ कोरिया के संबंध भी शामिल हैं।
इसमें 2030 तक पचास अरब डालर के व्यापार का लक्ष्य है। 2020 में भारत और दक्षिण कोरिया ने सऊदी के साथ रक्षा उद्योग में सहयोग के लिए एक प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए। हिंद महासागर के अतिरिक्त समुद्री सुरक्षा गतिविधियों में दक्षिण कोरिया की भागीदारी से भारत की नौसैनिक ताकत बढ़ेगी।
अब दक्षिण कोरिया चौथा देश होगा। प्रौद्योगिकी, साइबर सुरक्षा, बाहरी आंतरिक सुरक्षा की दृष्टि से यह समझौता दक्षिण कोरिया और हिंद प्रशांत क्षेत्र में भारत की ताकत बढ़ाने में सहायक होगा। भारत और दक्षिण कोरिया की साझेदारी बहुत जरूरी है, क्योंकि एक स्वतंत्र, मजबूत और लोकतांत्रिक देश दक्षिण कोरिया की भारत के साथ दीर्घकालिक साझेदारी दोनों देशों के लिए सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
हमारे देश में भी अब मंकीपाक्स के पहले मामले की पुष्टि हो गई है। यह खतरे की बात है। इसके पहले इसके मामले यूरोपीय क्षेत्र में 86% तथा अमेरिका में 11% दर्ज हुए हैं। हमारे देश में इसका पहला मामला केरल के कोल्लम जिले में मिला है। केंद्र सरकार ने समस्त राज्यों को पत्र लिखकर इस बीमारी के बचाव के लिए पूरी सक्रियता से सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों पर काम करने के निर्देश दिए हैं। हमें भी इस नई बीमारी को गंभीरता से लेना चाहिए। अगर हमने आज शुरू में इसका विशेष ध्यान रखा तो यह रोग आगे चलकर महामारी नहीं बन पाएगा।