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- शोध पर जोर
अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति है और सबसे बड़ी सामरिक शक्ति भी। कई सारे क्षेत्र हैं, जिनमें अमेरिका दूसरे बडे़ देशों से काफी पिछड़ा हुआ है, खासकर औद्योगिक उत्पादन में, पर एक क्षेत्र है, जो उसे लगातार सबसे आगे बनाए हुए है, और वह है- शोध। अमेरिका लंबे वक्त से वैज्ञानिक और तकनीकी शोध का सबसे बड़ा केंद्र बना हुआ है। नतीजतन, जो सबसे आधुनिक और नए क्षेत्र हैं, उनमें उसका बोलबाला है। मसलन, आईटी क्षेत्र और नई अर्थव्यवस्था में वह सबसे आगे है। चाहे माइक्रोसॉफ्ट हो, गूगल हो, फेसबुक-ट्विटर हों, एपल हो या अमेजन, ये सारी अमेरिकी कंपनियां हैं। अमेरिका की इस शक्ति को और बढ़ाने के लिए राष्ट्रपति जो बाइडन ने अब शोध के मद में सरकारी बजट में जबर्दस्त बढ़ोतरी का प्रस्ताव किया है। बाइडन के आर्थिक कार्यक्रम का मुख्य मुद्दा बुनियादी ढांचे के लिए छह लाख करोड़ डॉलर खर्च करना है। इसमें शोध एवं विकास (आरऐंडडी) का बजट नौ प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव है। इस प्रस्ताव के तहत शुद्ध विज्ञान और उसके व्यावहारिक पक्ष, दोनों पर खर्च बढ़ाने की बात कही गई है, सिर्फ रक्षा संबंधी आरऐंडडी के मद में कटौती की जाएगी। अमेरिकी इतिहास में यह शोध संबंधी खर्च में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी है।