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- गिरती साख पर बार-बार...
रशीद किदवई। के मास्टर स्ट्रोक के कुछ दिनों बाद ही कांग्रेस फिर समस्याओं व चुनौतियों से जूझती नजर आ रही है। इसका सबसे बड़ा कारण राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की राजनीतिक अनुभवहीनता और कुछ हटकर दिखाने की लालसा है। तिकड़म, जोड़-तोड़, राजनीतिक पैंतरेबाजी और चाणक्य नीति के अभाव से कांग्रेस कुछ दयनीय स्थिति में दिख रही है। राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष का पद ग्रहण किए बिना पार्टी में आमूल-चूल बदलाव लाकर 'नई कांग्रेस' बनाना चाह रहे हैं। 1969 या 1977 के विपरीत 2014 से अब तक की विषम परिस्थितियों में कांग्रेस में विद्रोह या विभाजन नहीं हुआ, न ही कांग्रेस के लोकसभा चुनाव की अपमानजनक हार का ठीकरा फोड़ा गया। फलस्वरूप अधिकांश कांग्रेस जन आत्मविश्वास खो चुके हैं और व्यक्तिगत संवाद में नरेंद्र मोदी से ज्यादा अपनी पार्टी के नेताओं को कांग्रेस की गिरती साख का जिम्मेदार मानतेेहैं। अंग्रेजी की कहावत 'हैप्पी टु बी अनहैप्पी' अधिकांश कांग्रेस जन की मनोदशा बयां करती है।