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- हिंसा पर लगाम
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंसक विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के खिलाफ जारी बिहार सरकार के नए दिशा-निर्देश की चर्चा न केवल महत्वपूर्ण, बल्कि विचारणीय भी है। बिहार सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देश में कहा गया है कि अगर कोई हिंसक विरोध प्रदर्शन में भाग लेता है, तो वह सरकारी नौकरी और अनुबंध के लिए पात्र नहीं होगा। आदेश में कहा गया है कि पुलिस एक व्यक्ति के आचरण प्रमाण पत्र में उसके ऐसे अपराध को सूचीबद्ध कर सकती है।
सरकार के इस निर्देश से युवाओं को संदेश देने की कोशिश है कि वे किसी तरह के विरोध प्रदर्शन में उलझकर किसी भी आपराधिक कृत्य में शामिल न हों। इसमें कोई शक नहीं कि सरकार का यह फैसला बहुत कड़ा है और युवाओं की ऊर्जावान अभिव्यक्ति को भी बाधित कर सकता है। अनेक बार किसी सामान्य मांग के लिए होने वाले धरना-प्रदर्शन को भी अचानक उग्र होते देखा गया है। किसी भी आंदोलन में तरह-तरह के लोग आ शामिल होते हैं और उसमें शामिल होने से पहले हर एक का चरित्र सत्यापन कठिन है, लेकिन जब मुकदमे दर्ज होते हैं, तब पूरे समूह का नाम दर्ज कराने की कोशिश आम है। इस निर्देश पर चिंता यहीं शुरू होती है।