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कोरोना संक्रमण से निर्मित हुई ऑनलाइन खरीदारी देश के कोने-कोने में करोड़ों उपभोक्ताओं की आदत और व्यवहार का अभिन्न अंग बन गई है। ऑनलाइन उत्पादों के कैटलॉग चेक करके मनपसंद वस्तुओं की एक क्लिक पर वापसी की सुविधा के साथ घर के दरवाजे पर डिलीवरी का लाभप्रद बाजार ई-कॉमर्स की देन है। देश में ई-कॉमर्स कितनी तेजी से छलांगें लगाकर आगे बढ़ रहा है, इसका अनुमान ई-कॉमर्स से संबंधित कुछ नई रिपोर्टों से लगाया जा सकता है। विश्व प्रसिद्ध ग्लोबल प्रोफेशनल र्सिवसेज फर्म अलवारेज एंड मार्सल इंडिया और सीआइआइ इंस्टीट्यूट ऑफ लॉजिस्टिक्स द्वारा तैयार रिपोर्ट के मुताबिक भारत में ई-कॉमर्स का जो कारोबार 2010 में एक अरब डॉलर से भी कम था, वह 2019 में 30 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया और अब 2024 तक 100 अरब डॉलर के पार पहुंच सकता है। गोल्डमैन सैक्श का भी अनुमान है कि भारत का ई-कॉमर्स कारोबार 27 फीसद चक्रवर्ती ब्याज दर से बढ़ते हुए 2024 तक 99 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। अमेरिकी कंपनी एफआइएस की ग्लोबल पेमेंट रिपोर्ट, 2021 में कहा गया है कि भारत में बाय नाउ, पे लेटर के चलते ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम दूसरे देशों की तुलना में तेजी से आगे बढ़ रहा है। देश में जिस रफ्तार से ई-कॉमर्स बढ़ रहा है, उसी रफ्तार से ई-कॉमर्स के तहत विदेशी निवेश भी बढ़ रहा है। ऐसे में देश में ई-कॉमर्स के चमकीले बाजार तक अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए दुनियाभर की बड़ी-बड़ी ऑनलाइन कंपनियों के कदम भारत की ओर तेजी से बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं।