सम्पादकीय

लोकतंत्र को मजबूत करने के नाम पर परिवारवाद को पोषित करने में लगे क्षेत्रीय दल

Gulabi
21 Feb 2022 8:28 AM GMT
लोकतंत्र को मजबूत करने के नाम पर परिवारवाद को पोषित करने में लगे क्षेत्रीय दल
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राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष को एकजुट करने की पहल कोई नई-अनोखी बात नहीं
राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष को एकजुट करने की पहल कोई नई-अनोखी बात नहीं। यह काम रह-रहकर होता ही रहता है। कुछ समय पहले ममता बनर्जी इसके लिए तेजी से सक्रिय हुईं, लेकिन जब उन्होंने कांग्रेस के बगैर विपक्ष दलों को जोड़ने के इरादे से मुंबई का दौरा किया तो शिवसेना उनसे दूरी बनाती दिखी। अब तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव विपक्ष को एकजुट करने के अभियान को आगे बढ़ा रहे हैं। गत दिवस उन्होंने मुंबई में उद्धव ठाकरे के अतिरिक्त शरद पवार से भी मुलाकात की। आने वाले दिनों में वह अन्य विपक्षी नेताओं से भी भेंट कर सकते हैं।
चंद्रशेखर राव इसके पहले भी विपक्षी एकता के लिए प्रयास कर चुके हैं, लेकिन बाद में वह न केवल भाजपा के करीब आए, बल्कि संसद में कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर मोदी सरकार के साथ खड़े भी हुए। वह पिछले कुछ समय से भाजपा से भड़के हुए हैं और उसे खरी-खोटी सुनाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे। ऐसा लगता है कि हैदराबाद नगर निगम चुनावों के साथ एक विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में भाजपा की जीत ने उनकी चिंता बढ़ा दी है। वह पिछले दिनों तेलंगाना गए प्रधानमंत्री की अगवानी करने भी नहीं पहुंचे। भाजपा से उनकी नाराजगी का कारण कुछ भी हो, इससे इन्कार नहीं कि देश को एक सबल विपक्ष चाहिए।
लोकतंत्र के भले के लिए विपक्ष का सशक्त होना आवश्यक है, लेकिन समस्या यह है कि भाजपा का विकल्प तैयार करने की कोशिश करने वाला विपक्ष का हर नेता विपक्षी एका की कमान अपने हाथ में रखना चाहता है। इससे भी बड़ी समस्या यह है कि वे विकल्प तैयार करने की बातें तो खूब करते हैं, लेकिन देश के सामने कोई ठोस एजेंडा और स्पष्ट नजरिया प्रस्तुत नहीं कर पाते। इसका एक बड़ा कारण राष्ट्रीय महत्व के विषयों की तुलना में क्षेत्रीय मसलों को कहीं अधिक प्राथमिकता देना है।
विपक्षी दल यह समझें तो बेहतर कि कोई ठोस विकल्प तभी बन सकता है, जब वे राष्ट्रीय दृष्टि से लैस हों। यह विचित्र है कि वे संघीय ढांचे को मजबूत करने की जरूरत तो जताते हैं, लेकिन प्राय: उसके ही खिलाफ काम करते हैं। कई बार तो वे विकास और सामाजिक कल्याण की केंद्रीय योजनाओं को लागू करने में नकारात्मक रवैये का प्रदर्शन भी करते हैं।
दैनिक जागरण के सौजन्य से लेख
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