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- लाल बुझक्कड़ बूझ गए
जुम्मन मस्ती में गाते हुए तेज़ कदमों से बढ़े जा रहे थे, 'देख अभी है कच्चा दाना, पक जाए तो खा।' अचानक ़फुम्मन उन्हें रोकते हुए बोले, 'अमां यार! बिना वीज़ा के कहां अमेरिका दौड़े जा रहे हो? कम से कम एक सवाल का जवाब तो देते जाओ।' जुम्मन ने रुकते हुए उन्हें सवालिया नि़गाहों से देखा तो पूछने लगे, 'थूक के चाटना बेहतर है या चाट के थूकना? हां, ज़रा लगे हाथ यह भी बता दो कि पंछी कच्चा दाना खाए या पका हुआ?' जुम्मन हँसते हुए बोले, 'अगर अपना हो तो कोई हर्ज़ नहीं। चाहे थूक के चाटो या चाट के थूको। लेकिन अकेले में। पब्लिक के सामने थूकोगे तो हँसी का पात्र बनोगे। जहाँ तक दाने की बात है अगर गोदाम कच्चा भी आ जाए तो उसकी प्रोसेसिंग हो सकती है।' बातों-बातों में ़फुम्मन उन्हें अपने घाट पर खींच लाए थे। बस धोना बा़की था। कपड़ों की तरह उन्हें पानी में डुबोते हुए बोले, 'मियाँ! आप तो कृषि बिलों के घोर समर्थक थे। अचानक पलटी खाने पर क्या बोलोगे?