सम्पादकीय

भर्ती घोटाले का भंडाफोड़

Gulabi
18 March 2021 7:37 AM GMT
भर्ती घोटाले का भंडाफोड़
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नौकरियों की भर्ती में घोटाला तो कोई नई बात नई है, लेकिन

नौकरियों की भर्ती में घोटाला तो कोई नई बात नई है, लेकिन अगर सेना के बारे में ऐसी खबर आए, तो इसे जरूर चिंताजनक माना जाएगा। अफसोसनाक है कि अब ऐसी ही खबर आई है। और ये आरोप कोई मीडिया रिपोर्ट में या विपक्षी पार्टी की ओर से नहीं लगाया गया है। बल्कि खबर के मुताबिक सीबीआई का दावा है कि उसने भारतीय सेना में एक बड़े भर्ती घोटाले का भंडाफोड़ किया है। एजेंसी ने 23 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिनमें लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक के पांच अधिकारियों समेत सेना के कुल 17 अधिकारी शामिल हैं। उनके अलावा सीबीआई ने अलग-अलग अधिकारियों के छह रिश्तेदारों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। सेना ने कहा है कि उसकी अपनी खुफिया एजेंसी पहले ही मामले की जांच कर चुकी है। अब चूंकि इसमें नागरिक भी शामिल पाए गए हैं और तफ्तीश के लिए कई एजेंसियों के बीच समन्वय की जरूरत होगी, इसीलिए जांच को सीबीआई के हवाले कर दिया गया है। यानी आरोप पुख्ता है। अब सवाल है कि जो भी लोग भी इसमें शामिल रहे हों, क्या उसे देशद्रोह नहीं माना जाएगा?


हैरतअंगेज है कि इतना बड़ा मामला सुर्खियों में नहीं है। यह अजीब दौर है, जब राजद्रोह के मामले सरकार के आलोचक 20- 22 साल के युवाओं के लिए आरक्षित कर दिए गए हैं। जबकि सीबीआई ने सोमवार 15 मार्च को इस जांच के तहत पूरे देश में 30 अलग अलग ठिकानों पर छापे मारे। सीबीआई ने कहा है कि इन छापों में कई कागजात मिले हैं और इनका अध्ययन किया जा रहा है। सीबीआई की एफआईआर ब्रिगेडियर (विजिलेंस) वीके पुरोहित की शिकायत पर आधारित हैं। उन्होंने कहा था कि 28 फरवरी 2021 को उन्हें जानकारी मिली थी कि सेना में भर्ती के लिए अस्थायी रूप से ठुकरा दिए गए उम्मीदवारों को दिल्ली के बेस अस्पताल में मेडिकल परीक्षा में पास कराने के लिए सेना के कई कर्मचारियों ने रिश्वत ली। सैन्य कर्मचारियों पर सेना के सर्विसेज सेलेक्शन बोर्ड (एसएसबी) के कई केंद्रों पर रिश्वत लेने के आरोप लगे हैं। अब खुद कुछ सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों ने कहा है कि सेना में इस तरह के भ्रष्टाचार को रोकने के लिए पर्याप्त इंतजाम हैं, लेकिन इसके बावजूद इस मामले को देखते हुए यह नहीं कहा जा सकता कि सेना भ्रष्टाचार से परे है। लेकिन अगर सेना भी भ्रष्टाचार से परे नहीं है, तो फिर देश की सुरक्षा का क्या हाल होगा?


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