- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- उमर अब्दुल्ला की...
आदित्य चोपड़ा | जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमन्त्री व नेशनल कान्फ्रेंस के नेता श्री उमर अब्दुल्ला ने यह कह कर भारत की जनता का 'मन' जीत लिया है कि यह सोचना कि रियासत में अनुच्छेद 370 फिर से लागू होगा नितान्त 'मूर्खता' होगी। उमर साहब का यह कथन जमीनी हकीकत को इस तरह बयान करता है कि कश्मीर से लेकर कन्या कुमारी तक हर भारतवासी नागरिक के अधिकार बराबर हैं और किसी भी राज्य के नागरिक के पास किसी प्रकार के विशेष अधिकार नहीं हैं। पूर्व मुख्यमन्त्री की स्वीकृति बताती है कि जम्मू-कश्मीर में विगत 5 अगस्त, 2019 के बाद जमीनी सच्चाई बदली है और इस तरह बदली है कि हर कश्मीरी नागरिक की जयहिन्द का नारा बुलन्द करने में बराबरी की शिरकत है। जम्मू-कश्मीर भारत की आजादी वाले दिन 15 अगस्त, 1947 को भारतीय संघ का हिस्सा नहीं था मगर इसी साल 26 अक्तूबर को जब यह महान भारतीय लोकतान्त्रिक देश का अभिन्न हिस्सा बना तो हमारी फौजों से लेकर साधारण नागरिकों ( खास कर कश्मीरी बकरवालों) ने हजारों कुर्बानियां दी थीं। अतः उमर अब्दुल्ला के बयान के ऐतिहासिक मायने भी हैं और वर्तमान सन्दर्भों में हकीकत बयानी भी ।