सम्पादकीय

टीकाकरण में तेजी: भारत ने अमेरिका, ब्रिटेन को पछाड़कर दुनिया में सर्वाधिक लोगों का टीकाकरण करने वाला बना देश

Gulabi
29 Jun 2021 9:46 AM GMT
टीकाकरण में तेजी: भारत ने अमेरिका, ब्रिटेन को पछाड़कर दुनिया में सर्वाधिक लोगों का टीकाकरण करने वाला बना देश
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यह संतोष और गर्व का विषय है कि भारत दुनिया में सबसे अधिक लोगों का टीकाकरण करने वाला देश बन गया है

यह संतोष और गर्व का विषय है कि भारत दुनिया में सबसे अधिक लोगों का टीकाकरण करने वाला देश बन गया है। ग्लोबल वैक्सीनेशन ट्रैकर के अनुसार टीकाकरण के मामले में भारत ने अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, जर्मनी आदि को पीछे छोड़ दिया है। इस ट्रैकर में चीन को जगह नहीं मिली तो इसीलिए, क्योंकि जिस तरह उसके कोविड रोधी टीके अविश्वसनीय हैं, उसी तरह टीकाकरण के उसके आंकड़े भी। जहां भारत में अभी तक 32 करोड़ से अधिक लोगों को टीका लगाया जा चुका है, वहीं दूसरे नंबर पर दिख रहे अमेरिका में इससे कम लोगों को टीके लगे हैं। यह इसलिए उल्लेखनीय है, क्योंकि अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य दूसरे देशों में भारत से कहीं पहले टीकाकरण शुरू हो गया था। बावजूद इस उपलब्धि के इसकी अनदेखी नहीं की जानी चाहिए भारत के मुकाबले अमेरिका और ब्रिटेन की आबादी कहीं कम है। स्पष्ट है कि भारत को इस उपलब्धि पर उत्साहित होते समय यह नहीं भूलना चाहिए कि उसे अमेरिका से कई गुना अधिक आबादी का टीकाकरण करना है। ऐसे में यह आवश्यक है कि टीकाकरण की मौजूदा रफ्तार कायम रहे। भारत ने दिसंबर तक सभी पात्र लोगों के टीकाकरण को अपना लक्ष्य बनाया है। यह लक्ष्य तय समय से पहले ही हासिल करने की कोशिश की जानी चाहिए, क्योंकि बच्चों का भी टीकाकरण किया जाना है।

नि:संदेह टीकाकरण नीति में बदलाव के बाद टीका लगाने में अप्रत्याशित तेजी आई है और प्रतिदिन करीब 60 लाख लोगों को टीके लगाए जा रहे हैं, लेकिन यह भी एक तथ्य है कि अभी भी तमाम लोग ऐसे हैं, जो टीका लगवाने से हिचक रहे हैं। इसी हिचकिचाहट को भांपकर ही पिछले दिनों अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में प्रधानमंत्री ने लोगों को टीकों से जुड़ी अफवाहों से दूर रहने की सलाह देते हुए इसके लिए आगाह किया था कि यह समझने की भूल न करें कि कोविड महामारी खत्म हो गई है। यह देखना दुखद है कि टीकाकरण को लेकर तमाम जागरूकता अभियान चलाए जाने के बाद भी जहां कुछ लोग टीका लगवाने के लिए उत्सुक नहीं, वहीं कुछ किस्म-किस्म की अफवाहों के शिकार हैं। कुछ ऐसे भी हैं, जो अज्ञानता से ग्रस्त हैं या फिर टीके के दुष्परिणामों को लेकर बेवजह चिंतित हैं। सबसे दुखद यह है कि कुछ पढ़े-लिखे लोग सरकार के अंधविरोध से इस कदर ग्रस्त हैं कि टीका लगवाने से इन्कार कर रहे हैं। कई नेता भी ऐसे हैं, जो यह पता नहीं चलने देना चाहते कि उन्होंने टीका लगवा लिया है या नहीं? ऐसे लोग केवल टीकाकरण में ही बाधक नहीं बन रहे हैं, बल्कि लोगों को गुमराह कर उनकी जान से खिलवाड़ भी कर रहे हैं।
क्रेडिट बाय दैनिक जागरण
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