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- रैलियों पर पाबंदी लगे
बरेली शहर में कांग्रेस ने बच्चियों की कथित मैराथन दौड़ का आयोजन किया था। कुछ बच्चियां गिर गईं, तो भगदड़ मच गई। करीब 20 बच्चियां चोटिल हुईं। शुक्र है कि हादसे ने बड़ा, त्रासद रूप धारण नहीं किया, लेकिन इस दौड़ की ज़रूरत क्या थी? एक तरफ कोरोना संक्रमण विस्फोटक होता जा रहा है, दूसरी ओर मासूम बच्चियों को लामबंद कर अपना 'लड़कीवाद' साबित करने की सनक….! अधिकतर बच्चियां मतदाता ही नहीं होंगी, लेकिन यह मौसम भीड़ जुटाने का जो है! आखिर कब तक इनसानों की जि़ंदगी से खिलवाड़ किया जाता रहेगा? मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के जन-सैलाब में संक्रमण की 100 फीसदी संभावनाएं हैं। यदि जांच कराई जाए, तो आंकड़े देखकर नेतागण भी चीख उठेंगेे! नेतागण लगातार कोरोना और खासकर ओमिक्रॉन की भयावहता को खारिज करते रहे हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने एक अन्य मुख्यमंत्री केजरीवाल को ही 'कोरोना' करार दे दिया, लेकिन पंजाब में मात्र चार दिनों के अंतराल में ही कोरोना के 400 फीसदी विस्फोट को नहीं रोक पाए। उस पर बयान तक नहीं दिया।