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- नेहरू की छवि का...
राजनीति से ऊपर होना या विषयों को गैरराजनीतिक चश्मे से देखना आज की स्थिति में नेताओं को अपराधी बना सकता है या यह नामुमकिन है कि कोई सियासी शख्स इस तरह सोचने लगे। हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार राजनीतिक विद्वेष के बाहर या पार्टी लाइन से कहीं आगे निकलने की कोशिश में बार-बार पकड़े जाते हैं। वर्तमान सियासत के दौर में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की प्रतिमा के उद्धार के लिए यह भाजपा नेता अपनी जेब से एक लाख का योगदान करके न केवल अचंभित करते हैं, बल्कि इस घटनाक्रम से कई पाप धुल जाते हैं। पालमपुर में स्थापित नेहरू की मूर्ति का खस्ता हाल शांता कुमार को भाव विह्ल कर देता है और वह पार्टी के हालिया बयानों से बाहर निकल कर देश के प्रथम प्रधानमंत्री की प्रतिमा को उपेक्षित होने से बचा लेते हैं। यह असंभव सा दिखने वाला व्यवहार शांता कुमार के सहज व्यवहार की पराकाष्ठा हो सकता है, लेकिन भाजपा के इस दौर को शायद ही स्वीकार्य हो। देश की राजनीति में नेहरू के खिलाफ कई गढ़े मुर्दे उखाड़े जाते हैं और शिकायतों के माहौल में सबसे अधिक कठघरे दिवंगत प्रधानमंत्री के खिलाफ खड़े हैं।
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