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- केरल में राज्यसभा...
आदित्य नारायण चोपड़ा। केरल उच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग को यह आदेश देकर कि वह राज्य की तीन खाली होने वाली राज्यसभा सीटों का चुनाव वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही कराये, साफ कर दिया है कि भारत में संविधान के शासन को किसी प्रकार की रियायत के दायरे में नहीं रखा जा सकता है और प्रत्येक संवैधानिक संस्था का प्राथमिक दायित्व है कि वह केवल संविधान से ही शक्ति लेकर अपने कर्त्तव्य का पालन करे। केरल में विगत 6 अप्रैल को ही नई विधानसभा के गठन के लिए चुनाव हुए हैं। इनके परिणाम आगामी 2 मई को आयेंगे परन्तु उससे पहले ही आगामी 21 अप्रैल को राज्य के तीन राज्यसभा सांसद रिटायर हो रहे हैं। इनके चुनाव मौजूदा विधानसभा की दलीय शक्ति के अनुसार ही हो जाने चाहिए थे। पहले चुनाव आयोग का इरादा भी यही था। विगत 17 मार्च को इसने घोषणा की थी कि खाली होने वाली तीन सीटों के चुनाव आगामी 12 अप्रैल को पूरे करा लिये जायेंगे मगर 24 मार्च को इसने अपना रुख बदलते हुए एेलान कर दिया कि उसे केन्द्रीय कानून मन्त्रालय की तरफ से इस बारे में एक सन्दर्भ पत्र मिला है।