सम्पादकीय

कांग्रेस की राज्यसभा उम्मीदवारों की सूची में राहुल-प्रियंका की छाप, क्यों उठ रही हैं असंतोष की आग

Rani Sahu
30 May 2022 8:55 AM GMT
कांग्रेस की राज्यसभा उम्मीदवारों की सूची में राहुल-प्रियंका की छाप, क्यों उठ रही हैं असंतोष की आग
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कांग्रेस (Congress Party) में राज्यसभा चुनाव के लिए 10 उम्मीदवारों ( Candidates of Rajysabha Election) के नाम की घोषणा कर दी है

एस एम इमाम |

कांग्रेस (Congress Party) में राज्यसभा चुनाव के लिए 10 उम्मीदवारों ( Candidates of Rajysabha Election) के नाम की घोषणा कर दी है. लेकिन इस सूची से कई लोग निराश है. खासकर के वरिष्ठ नेता इस सूची से निराश हुए हैं .क्योंकि उनका नाम राज्यसभा जाने वालों की सूची में कांग्रेस ने नहीं दिया. जाहिर सी बात है के वरिष्ठ नेताओ को उम्मीद थी कि उनका नाम भी इस लिस्ट में होगा लेकिन लिस्ट में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और प्रियंका गांधी की छाप साफ तौर पर नजर आ रही है. प्रियंका गांधी के करीबी नेताओं राजीव शुक्ला, प्रमोद तिवारी और इमरान प्रतापगढ़ी को राज्यसभा के लिए नामित किया गया है वहीं टीम राहुल के करीबी रणदीप सिंह सुरजेवाला अजय माकन का नाम है .जयराम रमेश को कर्नाटक और पी चिदंबरम को तमिलनाडु से राज्यसभा में भेजा जा रहा है.
पवन खेड़ा और जितेंद्र सिंह का नाम भी गायब
पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ,आनंद शर्मा वीरप्पा मोइली के नाम इस सूची में नहीं है, कहा जा रहा था कि गुलाम नबी आजाद को राजस्थान से राज्यसभा के लिए भेजा जा सकता है वही आनंद शर्मा को हरियाणा से नामित किया जा सकता है. कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री वीरप्पा मोइली भी अपने राज्य से ही राज्यसभा में आना चाहते थे लेकिन वहां से जयराम रमेश जो गांधी परिवार के करीबी हैं उनको पार्टी ने राज्यसभा भेजना उचित समझा है .हालांकि कांग्रेस में वरिष्ठ नेता नाराज हैं और सूची आने के बाद बगावत के सुर तेज हो सकते हैं . लेकिन जिन लोगों की आस राज्यसभा पर थी उनको भी निराशा हाथ लगी है ,गांधी परिवार के करीबी और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह जो अलवर से सांसद भी थे उनका नाम राजस्थान वाली सूची में नहीं है वही पार्टी के प्रवक्ता पवन खेड़ा का नाम भी राजस्थान वाली सूची में नहीं है ,जबकि वह उदयपुर के रहने वाले हैं. पवन खेड़ा निराश हैं और नाराज भी हैं अपने ट्वीट के जरिए उन्होंने अपनी नाराजगी और निराशा जाहिर की है"शायद मेरी तपस्या में कुछ कमी रह गई".
ग्रुप 23 नेताओं को किनारे किया
कांग्रेस ने दिल्ली के नेता अजय माकन को राज्यसभा के लिए हरियाणा सॆ उम्मीदवार बनाया है लेकिन पूर्व सांसद और दिल्ली के तीन बार की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के पुत्र संदीप दीक्षित की दावेदारी को अनदेखा किया है .संदीप दीक्षित जी 23 के मुख्य नेताओं में से थे जिन्होंने पार्टी के भीतर लोकतंत्र बहाली और लीडरशिप का मुद्दा उठाया था. शायद उनकी मुखरता पार्टी को रास नहीं आई इसके कांग्रेस ने दिल्ली के कोटे से अजय माकन जो पार्टी के राजस्थान के प्रभारी महासचिव हैं उनको राज्यसभा के लिए नामित किया है.
वहीं दूसरी ओर राज्यसभा में पार्टी के डिप्टी लीटर आनंद शर्मा की भी हरियाणा से दावेदारी थी लेकिन कांग्रेस ने उनको तरजीह नहीं दी है.उन्हें पार्टी ने पॉलीटिकल अफेयर्स ग्रुप में सदस्य के तौर पर नामित किया है. यही हाल गुलाम नबी आजाद जो राज्यसभा में विपक्ष के नेता थे उनके साथ भी हुआ है. हालांकि गुलाम नबी आजाद इस बार आश्वस्त थे कि उनको राज्यसभा के लिए मौका जरूर मिलेगा क्योंकि जिस तरह से कपिल सिब्बल के पार्टी छोड़ने के बाद आजाद ने चुप्पी साधी है उससे लग रहा था कि उनकी पार्टी के नेताओं से कोई बातचीत हो चुकी है. लेकिन शायद राहुल गांधी की नाराजगी उन पर भारी पड़ी है पार्टी के भीतर गांधी परिवार के लॉयलिस्ट इन लोगों से तब से नाराज हैं जब से सोनिया गांधी को 23 सदस्यों ने चिट्ठी लिखी थी. कपिल सिब्बल ने पार्टी छोड़ दी है लेकिन गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा ने भी अपने पत्ते नहीं खोले हैं.
वही महिला कांग्रेस की महासचिव और पूर्व अभिनेत्री नगमा मोरारजी भी पार्टी से नाराज और निराश दिखाई दे रही हैं .उनका कहना है कि 18 साल से पार्टी में रहने के बावजूद इमरान प्रतापगढ़ी जैसे नए लोगों को मौका दिया गया जबकि वह पार्टी के लिए इतने साल से काम कर रही हैं और कई बार लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुकी हैं लेकिन उनको नजरअंदाज किया गया है. मोरारजी ने कहा ,"जब मैने 2003 और 2004 में कांग्रेस जॉइन किया था तभी पार्टी की अध्यक्ष सोनिया जी ने उनको राज्यसभा में भेजने का वादा किया था लेकिन अभी तक यह वादा पूरा नहीं किया गया. इमरान को महाराष्ट्र से राज्य सभा भेजा जा रहा है क्या मैं उनसे कम काबिल हूं" यही नहीं उन्होंने ट्वीट के जरिए भी अपनी नाराजगी जाहिर की है.
दलित -पिछड़ों को नहीं मिली तरजीह
कांग्रेस ने अभी हाल में ही चिंतन शिविर में कहा था कि वह sc-st और दलित पिछड़ों को पार्टी के भीतर जगह देगी लेकिन इस लिस्ट में दलित के नाम पर सिर्फ मुकुल वासनिक हैं. वहीं ब्राह्मणों को पार्टी ने ज्यादा जगह दी है प्रमोद तिवारी ,राजीव शुक्ला जैस नेताओं को पार्टी ने उत्तर प्रदेश की राजनीति को ध्यान में रखते हुए मौका दिया है. वहीं एकमात्र कश्मीरी पंडित विवेक तंखा को मध्य प्रदेश से दोबारा मौका दिया गया है .पार्टी के भीतर इसको लेकर एक तबका नाराजगी जाहिर कर रहा है पार्टी के सचिव जितेंद्र बघेल जो कि उत्तर प्रदेश से आते हैं और राहुल गांधी के करीबी भी माने जाते हैं उन्होंने सवाल किया है "क्या आप बताएंगे कि इसमें OBC/SC/ST कितने उम्मीदवार है ??"
हालांकि सूची को देखते हुए लग रहा है कि पार्टी ने सामंजस्य बैठाने की कोशिश की है वरिष्ठ नेताओं में पी चिदंबरम जयराम रमेश मुकुल वासनिक को मौका दिया गया है वही यंग ब्रिगेड से रणदीप सुरजेवाला अजय माकन रंजीत रंजन इमरान प्रतापगढ़ी जैसे नेताओं को पार्टी ने आगे बढ़ाया है. लेकिन पार्टी ने सामाजिक सामंजस्य के अनदेखी की है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी ने अपनी सूची में ओबीसी को काफी तरजीह दी है खास करके उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की लिस्ट में. जाहिर सी बात है ओबीसी कांग्रेस से पहले से ही दूर हैं और उसको लाने के लिए पार्टी का प्रयास नाकाफी है. कांग्रेस के नेता कह रहे हैं कि रंजीत रंजन जो कि पूर्व सांसद हैं और बिहार के नेता पप्पू यादव की पत्नी है उनको ओबीसी समाज से जगह दी गई है.
कांग्रेस ने जिस तरह उत्तर प्रदेश से तीन नेताओं को राज्यसभा भेजने का फैसला किया है उससे पार्टी ने साफ किया है कि उत्तर प्रदेश को लेकर गंभीर है. ब्राह्मणों और अल्पसंख्यकों को पार्टी के पाले में लाने की तैयारी कर रही है लेकिन जिन राज्यों के अनदेखी हुई है खास करके राजस्थान और छत्तीसगढ़ के नेताओं को वहां पार्टी में खलबली मची हुई है. क्योंकि अगले वर्ष दोनों राज्यों में चुनाव है और इन राज्यों के किसी नेता को पार्टी ने राज्यसभा के लिए नामित नहीं किया है. राजीव शुक्ला और प्रमोद तिवारी प्रियंका गांधी के करीबी लोगों में हैं लेकिन पार्टी के लिए उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों को जोड़ने में कितना कामयाब हो पाएंगे यह एक बड़ा सवाल है

सोर्स-tv9hindi.com

Rani Sahu

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