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- राहुल गांधी राजनीतिक...
असम, बंगाल, केरल और तमिलनाडु के साथ केंद्र शासित राज्य पुडुचेरी में विधानसभा चुनावों की घोषणा होते ही राजनीतिक गहमागहमी बढ़ गई है। आने वाले दिनों में यह और तेज होगी और इसी के साथ कायम होगा विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला। ऐसा होना स्वाभाविक है, लेकिन यह तो अस्वाभाविक ही है कि ऐसे विषय चुनावी मुद्दे बनते दिखें, जिनका राज्य विशेष से कोई सीधा लेना-देना न हो। किस तरह के गैर जरूरी और बेतुके मसले चुनावी मुद्दे बनाने की कोशिश हो रही है, इसका ताजा और विचित्र प्रमाण है गत दिवस तमिलनाडु में कांग्रेस के नेता राहुल गांधी की ओर से मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए यह कहना कि हम एक ऐसे शत्रु से लड़ रहे हैं, जो विरोधियों को कुचल रहा है। अभी तक यही कहा-माना जाता रहा है कि राजनीतिक दल परस्पर विरोधी तो होते हैं, लेकिन वे एक-दूसरे को शत्रु नहीं समझते। नि:संदेह राजनीतिक विरोधी को शत्रु की संज्ञा देना लोकतंत्र की धारणा के प्रतिकूल है, लेकिन राहुल गांधी न केवल इस धारणा को ध्वस्त कर रहे हैं, बल्कि यह भी कह रहे हैं कि जब हम कहीं अधिक शक्तिशाली अंग्रेजी सत्ता को हरा चुके हैं तो फिर मोदी सरकार क्या चीज है? वह मोदी सरकार की तुलना केवल अंग्रेजी शासन से ही नहीं कर रहे हैं, बल्कि उसे उसके जैसा दमनकारी भी रेखांकित कर रहे हैं।