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- रबी को मिला रब का साथ
खेती में कहावत है रबी रब के हाथ में होती है। अर्थात् रब मेहरबान हो तो रबी फसल अच्छी होती है। अगर रब की मर्जी नहीं हुई तो रबी फसल ठीक से नहीं होती। इस वर्ष खरीफ और रबी की फसल की पैदावार पर रब की छत्रछाया बनी रही। खरीफ फसल के वक्त समय-समय पर बारिश हुई। इस तरह से रबी फसल के वक्त मौसम ने भरपूर साथ दिया। खेतों में रबी फसल की अच्छी उपज को देख किसान काफी खुश दिखाई दे रहा है। भारतीय अर्थव्यवस्था मूल रूप से कृषि आधारित है। भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि सैक्टर कितना महत्वपूर्ण है, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि जब कोरोना महामारी के दौर में सभी सैक्टर फर्श पर लुढ़क रहे थे, कृषि सैक्टर उस समय भी ग्रोथ कर रहा था। पिछले वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के चलते चालू वित्त वर्ष की शुरूआत ही लॉकडाउन में हुई। इस दौरान सभी आर्थिक गतिविधियां लगभग ठप्प पड़ गईं। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक जब सकल घरेलू उत्पाद में भारी गिरावट आई थी तो इस दौरान सिर्फ कृषि क्षेत्र ही में ही वृद्धि दर्ज की गई थी। कोरोना संक्रमण के विनाशकारी दौर में सब शवों को ले जाती एम्बुलैंसों की आवाज सड़कों के सन्नाटों की चीरती दौड़ रही थीं, जगह-जगह पाबंदियों के चलते लोग घरों में बंद थे, महानगरों और शहरों की व्यस्ततम सड़कें भी भूतों के बसेरे की तरह दिखाई देती थीं, सब कुछ सुनसान हो गया था, लेकिन भारत का किसान खेतों में काम कर रहा था। भारत का कृषि क्षेत्र जिस प्रकार आर्थिक उदारीकरण के दौर शुरू होने के बाद बाजार मूलक अर्थव्यवस्था के चक्र में अन्दरूनी ताकत के भरोसे लगातार अपना उत्पादन बढ़ा रहा है उससे इस देश के किसानों की उद्यमशीलता को परखा जा सकता है। कोरोना काल में किसी को भूखा नहीं होना पड़ा तो इसका श्रेय किसानों को ही जाता है।