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- जवाबदेही का सवाल है
लोकतंत्र का मूलभूत सिद्धांत होता है- जवाबदेही। यह एक ऐसी व्यवस्था है, जिसमें किसी को निरंकुश नहीं होना चाहिए। यानी सबकी किसी ना किसी के प्रति जवाबदेही होती है। इसलिए अगर किसी कानून का दुरुपयोग हो रहा हो या उसकी खामियां सामने आ रही हों, तो न्यायिक व्यवस्था को यह अवश्य बताना चाहिए कि इसके लिए जिम्मेदार कौन है। साथ ही उस दुरुपयोग या खामी की कीमत जिन्हें चुकानी पड़ी, उनके नुकसान की भरपाई कौन करेगा। चूंकि अपने देश में यह जवाबदेही नहीं निभाई जाती, इसलिए कहा जा सकता है कि भारतीय लोकतंत्र कभी अपनी पूर्णता को प्राप्त नहीं कर सका। पिछले कुछ सालों में तो यह जहां तक पहुंचा था, वहां से भी वापस लौटता दिखता है। बहरहाल, ये सारे सवाल एक ताजा न्यायिक फैसले से उठे हैँ। पिछले हफ्ते गैर-कानूनी गतिविधि निरोधक कानून (यूएपीए) के तहत लगे आरोप में नौ साल जेल में बिताने के बाद मोहम्मद इलियास और मोहम्मद इरफान नाम के दो व्यक्तियों को एक विशेष अदालत ने बाइज्जत बरी कर दिया।