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- गुणवत्ता का भोजन
Written by जनसत्ता: यह बच्चों के लिए जरूरी पोषक तत्त्वों के हिसाब से बनाया गया है। मध्याह्न भोजन को लेकर राज्य सरकार की ओर से अक्सर औचक निरीक्षण वरीय अधिकारियों द्वारा किया जाता है। कई बार जिला अधिकारी खुद बच्चों के साथ बैठकर भोजन करते हैं। इसके बावजूद गुणवत्ता पर अक्सर प्रश्न उठता रहता है।
इसे देखते हुए केंद्र सरकार की ओर से इस बारे में राज्य मध्याह्न भोजन निदेशालय को दिशानिर्देश जारी किया गया है कि गुणवत्ता की परख अब उच्च शिक्षण संस्थानों के छात्र करेंगे। निर्देश में उचित शिक्षण संस्थानों के खाद्य एवं पोषण विभाग में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को मध्याह्न की गुणवत्ता जांच की मुहिम से जुड़ने को कहा गया है।
साल में कम से कम एक स्कूल में जाकर इन विद्यार्थियों द्वारा भोजन की गुणवत्ता की पड़ताल की जाएगी। साथ ही उन्हें खुद भी उसे चख कर उसकी गुणवत्ता को नंबर देने होंगे। इस मुहिम में रसोइया को भी जोड़ा जाना चाहिए, ताकि वे बता सकें कि सूची के आधार पर मध्याह्न भोजन के लिए उन्हें आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई गई या नहीं। भोजन तैयार करने वक्तत रसोइए की बड़ी जिम्मेदारी होती है। उन्हें पूरी चौकसी बरतने की जरूरत है, अन्यथा तैयार भोजन में छिपकली वगैरह मिलने की घटनाओं की पुनरावृत्ति होती रहेगी।