सम्पादकीय

पुतिन के तेवर

Subhi
1 March 2022 3:38 AM GMT
पुतिन के तेवर
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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अब परमाणु हथियारों वाली कमान को तैयार रहने का निर्देश देकर अपना इरादा साफ कर दिया है कि उन्हें अब किसी का डर नहीं। इससे दुनिया के ज्यादातर देश सकते में हैं।

Written by जनसत्ता: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अब परमाणु हथियारों वाली कमान को तैयार रहने का निर्देश देकर अपना इरादा साफ कर दिया है कि उन्हें अब किसी का डर नहीं। इससे दुनिया के ज्यादातर देश सकते में हैं। खासतौर से अमेरिका और यूरोपीय संघ के उन देशों की नींद उड़ना लाजिमी है जो यूक्रेन के साथ खड़े हैं और उसे रूस से मुकाबला करने के लिए हथियार दे रहे हैं।

इससे अब यह खतरा पैदा हो गया है कि हालात कब क्या मोड़ ले लें और पुतिन परमाणु हमले का दांव न चल दें। हालांकि परमाणु हमला इतना आसान नहीं है, पर रूस ने अमेरिका, पश्चिमी देशों तथा नाटो की धमकियों के बाद जिस तरह का आक्रामक रुख अख्तियार किया है, उससे खतरा और बढ़ गया है। जंग शुरू होने से पहले तक तो लग रहा था कि अगर लड़ाई छिड़ भी गई तो ज्यादा दिन तक नहीं चलेगी। पर रूस के धावा बोल देने के बाद पिछले पांच-छह दिन में हालात जिस तेजी से बिगड़े हैं, उसे देखते हुए कोई भी कयास लगा पाना आसान नहीं है।

गौरतलब है कि अमेरिका और यूरोपीय देशों ने मौजूदा जंग के लिए रूस को जिम्मेदार ठहराते हुए उस पर भारी-भरकम प्रतिबंध लगा दिए हैं। इससे रूस बौखलाया हुआ है। नाटो ने यूक्रेन में अभी तक अपनी सेना भले न उतारी हो, लेकिन यूक्रेन को दूसरे पश्चिमी देश हथियार तो दे ही रहे हैं, ताकि वह झुके नहीं और रूस को मुंहतोड़ जवाब दे। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने भी अपने हर नागरिक से रूस के खिलाफ हथियार उठाने और आखिरी सांस तक लड़ने की अपील की है।

भले ही यूक्रेन की सैन्य ताकत रूस के मुकाबले कम हो हो, लेकिन उसका मनोबल कहीं ज्यादा बड़ा दिख रहा है। निश्चित ही यह पुतिन के लिए एक बड़ा संदेश भी है। संभव है कि परमाणु हमले की धमकी यूक्रेन को दबाव में लाने के लिए ही दी गई हो। हालांकि रूस यूक्रेन पर रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल का आरोप लगा रहा है। लेकिन जो भी हो, परमाणु हमले की धमकी देकर रूस ने बता दिया है कि यूक्रेन को लेकर अब वह जो भी करेगा, अपनी शर्तों पर ही करेगा।

परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की सनक का नतीजा दुनिया भुगत चुकी है। गौरतलब है कि दूसरे विश्वयुद्ध में अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी शहरों पर परमाणु बम गिरा कर दुनिया को इसके अंजाम के बारे में बता दिया था। उस तबाही की यादें आज भी रोंगटे खड़े कर देती हैं। और तब तो वह पहला परमाणु बम था। पिछले पचहत्तर साल में दुनिया के कुछ देशों ने जिस तरह के परमाणु हथियार बना लिए हैं, उनसे होने वाले विनाश की तो कल्पना भी नहीं की जा सकती।

इस वक्त रूस के पास पांच हजार नौ सौ सतहत्तर परमाणु हथियार हैं और अमेरिका के पास उससे थोड़े ही कम यानी पांच हजार दौ सौ अड़तालीस। चीन अपने पास साढ़े तीन सौ परमाणु हथियार होने का दावा करता है। फ्रांस, ब्रिटेन, भारत, पाकिस्तान जैसे देश भी परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र हो गए हैं। उत्तर कोरिया का शक्ति प्रदर्शन भी कम डराने वाला नहीं है। जिसके पास जितने ज्यादा परमाणु हथियार हैं, वह अपने को उतना ही सुरक्षित मान रहा है। पर ऐसा है कहां? हथियारों की यह होड़ ही तो है जिसकी वजह से पुतिन या किम जोंग उन जैसे शासक या अमेरिका जैसे देश दुनिया को धमका रहे हैं।


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