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- पंजाब : आतंक नहीं...
पंजाब के लुधियाना जिला न्यायालय परिसर में गुरुवार को जो बम विस्फोट हुआ है वह इस राज्य में होने वाले चुनावों से पहले अशान्ति पैदा करने का प्रयास कहा जा सकता है। निश्चित रूप से यह आतंकवाद की ही घटना है जिसका विरोध पूरे देश में एक स्वर से हो रहा है। अतः इस मुद्दे पर राजनीति की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए मगर विस्फोट के असली षड्न्त्रकारियों को भी तत्परता से पकड़ा जाना चाहिए। इस सन्दर्भ में मुख्यमन्त्री श्री चरणजीत सिंह चन्नी का यह बयान महत्वपूर्ण है कि बम विस्फोट की घटना को पिछले दिनों अमृतसर में हुए श्री गुरू ग्रन्थ साहब के बेअदबी मामले से भी जोड़ कर देखे जाने की जरूरत है। श्री चन्नी के कथन में तर्क यह है कि ऐेसी घटनाओं का सिलसिला बताता है कि कुछ राष्ट्रविरोधी शक्तियां पंजाब के शान्तपूर्ण माहौल को अचानक ही भय और सामाजिक तनाव से भर देना चाहती हैं। पंजाब के मामले में सबसे महत्वपूर्ण यह है कि यह राज्य पाकिस्तान की तरफ से भारत की मजबूत रक्षा पंक्ति है । इस राज्य के लोगों में राष्ट्रप्रेम व देश भक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी हुई है जिसकी वजह से पंजाब को भारत का 'बाहुबल' भी कहा जाता है। इस राज्य की राजनीतिक समीकरणें चाहे जो भी रही हों मगर यहां के लोग देश पर जान न्यौछावर करने में सबसे आगे रहे हैं। अतः जो भी ताकतें पंजाब पर आतंकवाद की छाया डालना चाहती हैं वे भारत की अस्मिता से ही खिलवाड़ कर रही हैं जिसे आम पंजाबी नागरिक किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं कर सकता। पंजाब ने अस्सी के दशक में आतंकवाद का दंश झेला है और हर पंजाबी जानता है कि उसे इसकी कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी थी। अतः इस प्रकार की घटनाओं के यदि किसी कोण से भी राजनीतिक आयाम जुड़ते हैं तो उसका असर पंजाब की वृहद सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों से जाकर जुड़ेगा। इसलिए बहुत जरूरी है कि इस विष को फैलाने वालों के शुरू में ही पर कतर दिये जायें जिससे पंजाब का विकास निर्बाध गति से हो सके। मगर पंजाब के सन्दर्भ में एक प्रश्न यहां नशे के अवैध कारोबार का भी है। इस राज्य की युवा पीढ़ी को नशे की लत में धकेलने में ड्रग माफिया का भी बहुत बड़ा हाथ रहा है। इन नशीले पदार्थओं की तस्करी सीमा पार से ही होती रही है, खास कर अफगानिस्तान से चल कर पाकिस्तान होते हुए ये नशीले पदार्थ पंजाब में आते रहे हैं। अतः इस मोर्चे पर भी मुख्यमन्त्री चन्नी को चौकन्ना होकर राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित करना होगा। मगर हमें यह भी सोचना होगा कि राज्य में बेअदबी की घटनाओं को अंजाम देकर कौन से तत्व अपना हित साधना चाहते हैं। बेअदबी की घटनाएं करके ये तत्व पंजाब की सामाजिक एकता व भाईचारे के माहौल को चुनाव से पहले विषाक्त कर देना चाहते हैं। इस मामले में राज्य प्रशासन को बहुत पैनी निगाह रख कर दोषियों की धर-पकड़ करनी होगी। इस मामले में पंजाब के सभी राजनीतिक दलों को एक मंच पर आकर इस प्रकार की घटनाओं की न केवल निन्दा करनी चाहिए बल्कि राज्य प्रशासन व पुलिस को पूरा सहयोग देने का वचन भी देना चाहिए। क्योंकि चुनाव निष्पक्ष व स्वतन्त्र होने के लिए जरूरी है कि पंजाब में पूरी तरह शान्ति व अमन कायम रहे। क्योंकि लुधियाना में हुए बम कांड को लेकर अभी तक कोई स्पष्ट तस्वीर नहीं उभर पाई है और कयास लगाये जा रहे हैं कि यह आत्मघाती हमला भी हो सकता है। इस सन्दर्भ में इतना ही कहा जा सकता है कि सीमापार पाकिस्तान की शरारत को नजर अन्दाज नहीं किया जा सकता क्योंकि पाकिस्तान में ऐसे तत्व सक्रिय हैं जो पंजाब में अलगाववाद को बढ़ावा देने की कोशिश करते रहते हैं परन्तु देशभक्त पंजाबियों ने हमेशा ही ऐसी कोशिशों को सिरे से नकारा है। दूसरी तरफ हमें पंजाब की महानसंस्कृति के उन सिरों को कस कर पकड़े रहना होगा जिसमें सिख व हिन्दू एक ही परिवार के हिस्से होते हैं। पूरे देश में पंजाब संभवतः एक मात्र ऐसा प्रदेश हैं जहां रूढि़वादी परंपराओं और संस्कारों का बहुत पहले ही दाह संस्कार हो चुका है और यहां के लोग सामान्य तौर पर वैज्ञानिक सोच के होते हैं। ऐसे राज्य में आतंकवाद को सुलगा कर कुछ राष्ट्रविरोधी तत्व इसे पीछे धकेलना चाहते हैं।संपादकीय :म्यांमार-भारत और लोकतंत्रभारतीय हाकी सिरमौर बनना ध्येय होकांग्रेस के सांगठनिक मतभेदभारत और भारत की संसदजानलेवा ओमीक्राेन : तीसरा युद्धआपका स्नेह आशीर्वाद , बहुत याद आता है पंजाब की एक विशेषता और है कि यहां के लोग वैश्विक स्तर पर भारत का सिर ऊंचा रखने में सबसे आगे रहे हैं। आज कितने ही देशों में इस राज्य के मूल निवासी वहां की राजनीति तक में सक्रिय हैं। अतः जो शक्तियां पंजाब में आतंकवाद का धुआं उठाने की कोशिश कर रही हैं वे पंजाबियत के खिलाफ ही साजिश रच रही हैं।