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- पंजाब, पाकिस्तान और...
बिपुल पांडे
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) का तकिया कलाम है, 'आपने घबराना नहीं है.' लेकिन अब वो खुद संकट में घिरे हैं तो उनसे ये कहने वाला कोई नहीं है कि 'आपने घबराना नहीं है'. पिछले कुछ दिनों में पाकिस्तान के लोकतंत्र (DEMOCRACY IN PAKISATAN) पर 'लोटातंत्र' ऐसा हावी हुआ कि इमरान खान सरकार का जाना तय हो चुका है. उन्हें ज्यादा से ज्यादा इस शुक्रवार तक ही गद्दी नसीब हो सकती है. इसके बाद फजलुर रहमान, आसिफ अली जरदारी और शेहबाज शरीफ की तिकड़ी कैसे तालमेल बिठाएगी और कैसे सरकार बनाएगी, इसे लेकर कुछ कहा नहीं जा सकता. चिंता की बात ये है कि इमरान की सरकार को पाकिस्तान की जनता नहीं, वहां की सेना विदा कर रही है. पाकिस्तान की सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई ने हाल फिलहाल के दिनों में अपना प्लान खालिस्तान तेजी से एक्टिवेट किया है. इस बीच पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) की नई सरकार बनी है और कुख्यात आतंकवादी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) पंजाब की भगवंत मान सरकार पर हमलावर हुई है. इन सारे घटनाक्रमों को एक-दूसरे से जोड़ना और समझना अत्यंत आवश्यक है.