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अजय झा भारतीय जनता पार्टी (BJP) की बढ़ती भूख कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) के लिए परेशानी का कारण बनती जा रही है. जहां दूसरी पार्टियां पंजाब चुनाव के लिए अब अपने उम्मीदवारों के नाम तय करने में लग गयी हैं, बीजेपी ने अमरिंदर सिंह से अच्छी डील लेने के चक्कर में काफी समय जाया कर दिया है. अमरिंदर सिंह ने सितम्बर के महीने में पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था और उसके बाद से ही अमरिंदर सिंह की बीजेपी के साथ लगातार बातचीत चल रही थी. सिंह बीजेपी को समझाने की कोशिश कर रहे थे कि कृषि कनून में बिना संशोधन किए बीजेपी पंजाब या अन्य राज्यों में चुनाव जीतने के बारे में सोच भी नहीं सकती, पर बीजेपी ने नवम्बर तक का इंतज़ार किया तथा हिमाचल प्रदेश और राजस्थान में मिली करारी हार के बाद ही उसे यह बात समझ में आई. कृषि कानूनों को वापस लेने में भी समय लगा और तब कहीं जा कर अब दो दिन पहले इस बात की औपचारिक घोषणा हुई कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस और बीजेपी गठबंधन में चुनाव लड़ेगी. पर अभी भी स्थिति स्पष्ट नहीं है और सीटों के बंटवारे पर पेंच फंस गया है.