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अजय झा.
पंजाब का आगामी विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Elections) किसी क्राइम थ्रिलर की तरह बनता जा रहा है, जिसमे अंत तक यह पता नही चलता कि कौन किसको और क्यों मार रहा है. चुनाव होने में अब तीन महीनों से भी कम समय बचा है, पर दिन प्रतिदिन प्रदेश में राजनीति उलझती ही जा रही है. किसने किसको मारने की सुपारी ले रखी है बताना मुश्किल होता जा रहा है. नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) अपनी ही कांग्रेस पार्टी के तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के पीछे खंजर ले कर घूम रहे थे. अमरिंदर सिंह ने सिद्धू पर आरोप लगाया कि वह आम आदमी पार्टी में शामिल होने वाले हैं और कांग्रेस को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं. सिद्धू अब तक तीन क़त्ल कर चुके हैं– सुनील जाखड़ को प्रदेश अध्यक्ष पद से और फिर अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से कांग्रेस आलाकमान ने सिद्धू की मांग पर हटा दिया. और अब तीसरा क़त्ल पंजाब के एडवोकेट जनरल एपीएस देओल का हुआ. सिद्धू के विरोध के कारण देओल को इस्तीफा देना पड़ा. पुलिस महानिदेशक इकबाल प्रीत सिंह सहोता का सर कभी भी कलम हो सकता है, क्योंकि सिद्धू को वह पसंद नहीं हैं और कांग्रेस आलाकमान को सिद्धू पसंद हैं.