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- सेमीकंडक्टर्स के लिए...
दुनिया में इस वक्त सबसे ज्यादा जिस चीज की मांग है, वह सेमीकंडक्टर है। इसकी कमी के कारण वैश्विक एक तरह से डगमगाई हुई है। कोरोना महामारी के कारण पहले इसका सप्लाई चेन टूटा। फिर अमेरिका और चीन के बीच बढ़े टकराव ने हालात और बिगाड़ दिए। नतीजा हुआ कि सेमीकंडक्टर की मांग और सप्लाई में बड़ा अंतर आ गया। इसका स्मार्टफोन, कम्प्यूटर, लैपटॉप और गाड़ियों सभी के उत्पादन पर असर पड़ा है। फिलहाल समस्या दूर होती नजर नहीं आती। आम अनुमान है कि सेमीकंडक्टर की सप्लाई एक से डेढ़ साल बाद ही सामान्य हो सकेगी। यानी कम से कम इस साल तो सेमीकंडक्टर की कमी बनी ही रहेगी। गौरतलब है कि पिछले साल कोरोना महामारी के चलते ऐसे ज्यादातर प्रोडक्ट की बिक्री में जबरदस्त गिरावट आई, जिनमें सेमीकंडक्टर्स का इस्तेमाल होता है। इसे देखते हुए कंपनियों ने उन्हीं प्रोडक्ट के लिए सेमीकंडक्टर के ऑर्डर दिए, जो कोरोना की पहली लहर के दौरान भी बिक रहे थे। लेकिन पहली लहर के बाद कई दूसरे प्रोडक्ट की मांग अचानक बढ़ी। इस मांग के मुताबिक सेमीकंडक्टर की सप्लाई नहीं हो सकी। फिर जापानी सेमीकंडक्टर कंपनी 'रेनेसां' में लगी आग ने इस कमी को और बढ़ाया। नतीजा है कि इस समय कंप्यूटरों के ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट जैसी मशीनों की भी भारी कमी है। अब तक दुनिया की सबसे बड़ी सेमीकंडक्टर निर्माता कंपनियां अमेरिका, चीन और ताइवान में हैं।