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- वैट पर विरोध

जैसे-जैसे महंगाई तनाव बढ़ाती जा रही है, वैसे-वैसे राजनीतिक बयानबाजी में भी तेजी आ रही है। महंगाई के समय ऐसे विवाद या आरोप-प्रत्यारोप नए नहीं हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेट्रोल-डीजल पर कुछ राज्यों को वैट घटाने के लिए कहते हुए इसे प्रार्थना बताया है, हालांकि कोई भी राज्य वैट घटाने को बाध्य नहीं है। लेकिन इसके बावजूद राज्यों से जो आवाजें आ रही हैं, उनको सकारात्मक रूप में ही स्वीकार करना चाहिए। कुछ नेताओं को यह शिकायत है कि प्रधानमंत्री ने कोरोना संबंधी बैठक में वैट की चर्चा क्यों की? हालांकि, यह विषय अलग है कि प्रधानमंत्री को ऐसी बैठकों में एक चिंता से हटकर दूसरी चिंता का जिक्र करना चाहिए या नहीं? बहरहाल, यह लगभग परंपरा ही रही है कि केंद्र सरकार ऐसी सलाह राज्यों को देती है, मानने या न मानने के लिए राज्य स्वतंत्र हैं। वैसे आपत्ति दो राज्यों की ओर से तीखी आई है। पश्चिम बंगाल व महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ पार्टियों की राजनीति को समझा जा सकता है। हम एक ऐसे समय में जी रहे हैं, जब नेता राजनीति का कोई भी अवसर हाथ से जाने नहीं देना चाहते। लेकिन किसी को भी निशाने पर ले लेने का यह चलन प्रशंसनीय नहीं है।
क्रेडिट बाय हिन्दुस्तान
