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गांवों को कोरोना संक्रमण से बचाएं: गांवों में कोरोना को नियंत्रित करने के लिए तात्कालिक उपाय करने की जरूरत
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| [ सुधीर पंवार ]: पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय पंचायत दिवस के अवसर पर पंचायती राज से जुड़े अधिकारियों को संबोधित करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों को पहले की तरह ही कोरोना संक्रमण से बचाने का आह्वान किया। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर भारत के कई राज्यों को अपनी गिरफ्त में ले चुकी है, जो पहले से कहीं अधिक तेज एवं मारक है। इनमें बड़ी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और तमिलनाडु भी सम्मिलित हैं। कोरोना की इस दूसरी लहर में मरीजों की बढ़ती संख्या से विकसित एवं आधुनिक चिकित्सा सुविधा वाले प्रदेशों एवं महानगरों का स्वास्थ्य ढांचा तक चरमरा गया है, जिसमें दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, देहरादून, सूरत, चेन्नई आदि शामिल हैं। यहां मरीजों की संख्या में हुई अभूतपूर्व बढ़ोतरी से टेस्टिंग, एंबुलेंस, अस्पताल बेड, आक्सीजन आदि जरूरी स्वास्थ्य सुविधाएं कम पड़ गई हैं। साथ ही किसी आपात स्थिति को संभालने के लिए रेमडेसिविर जैसी दवाएं एवं वेंटिलेटर की उपलब्धता भी सीमित हो गई है। यह दुखद सच्चाई है कि इस बार कोरोना से जुड़ी अधिकांश मौतें समय पर आपात चिकित्सा सुविधाएं न मिलने के कारण हो रही हैं।