सम्पादकीय

मुनाफे का दबाव

Subhi
8 Nov 2022 3:16 AM GMT
मुनाफे का दबाव
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ट्विटर के नए मालिक इलॉन मस्क ने कहा है कि सोशल मीडिया कंपनी के यूजर्स अगर ब्लू टिक के रूप में प्रामाणिकता का ठप्पा चाहते हैं तो उन्हें हर महीने 8 डॉलर का शुल्क देना होगा।

नवभारत टाइम्स: ट्विटर के नए मालिक इलॉन मस्क ने कहा है कि सोशल मीडिया कंपनी के यूजर्स अगर ब्लू टिक के रूप में प्रामाणिकता का ठप्पा चाहते हैं तो उन्हें हर महीने 8 डॉलर का शुल्क देना होगा। अभी तक इसके लिए कोई पैसे नहीं लिए जाते थे। इस घोषणा पर सबसे ज्यादा हो हल्ला स्वाभाविक रूप से ट्विटर पर ही हो रहा है, कई लोग खुलकर नाखुशी भी जता रहे हैं, लेकिन मस्क ने साफ कर दिया है कि शिकायत करने वाले करते रहें, पर चार्ज तो देना ही होगा। इस बीच ट्विटर के अंदर से मीडिया में कई और तरह की खबरें भी आ रही हैं। कहा जा रहा है कि वहां कर्मचारियों को रोज 12 घंटे और सातों दिन काम करने का निर्देश दिया गया है। यह भी खबर है कि करीब एक चौथाई कर्मचारियों की छंटनी होने वाली है।

वैसे तो जब भी किसी कंपनी का मालिकाना बदलता है, वहां बदलाव होते ही हैं। ट्विटर के मामले में हलचल अगर सामान्य से ज्यादा है तो उसकी वजह कुछ तो इलॉन मस्क की अपनी कार्यशैली है और कुछ इस कंपनी की स्थिति। मस्क अपने फैसलों से ही नहीं, फैसले लेने के ढंग से भी चौंकाते और विवाद पैदा करते रहे हैं। इस तरह मिलने वाली सुर्खियां उन्हें सूट करती हैं। मगर ट्विटर के मामले में सबकुछ पॉजिटिव नहीं है। इसके दुनिया भर में 24 करोड़ यूजर्स हैं जो अन्य सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स के मुकाबले काफी कम हैं। इसकी 90 फीसदी से ज्यादा कमाई विज्ञापनों से ही होती है। बहुत से एक्सपर्ट्स मानते हैं कि 44 अरब डॉलर की महंगी डील करके मस्क ने जोखिम मोल लिया है। इस बीच रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ग्लोबल ने डील के बाद ट्विटर का दर्जा घटाकर 'बी' कर दिया है जिसका कारण कर्ज में बढ़ोतरी को बताया गया है।

जाहिर है, इलॉन मस्क पर इस सौदे को कामयाब बनाने का दबाव है। उन्होंने निवेशकों को भरोसा दिलाया है कि वह तीन साल के अंदर ट्विटर को मुनाफे में ले आएंगे। यह भरोसा बना रहे इसके लिए जरूरी है कि हालात उस तरफ बढ़ते दिखाई देने लगें। इलॉन मस्क के ताजा कदम इसी जरूरत से प्रेरित लगते हैं। लेकिन एक कंपनी और उसके प्रबंधन से अलग हटकर देखें तो ट्विटर की एक वैश्विक भूमिका भी है। उस लिहाज से यह भी देखना होगा कि ब्लू टिक से जुड़ी नई पॉलिसी का ट्विटर अकाउंट्स की प्रामाणिकता पर किस तरह का असर होता है। एक निश्चित राशि के बदले दिया जाने वाला ब्लू टिक क्या अकाउंट होल्डर की विश्वसनीयता की वैसी ही गारंटी माना जा सकेगा, जैसी अब तक माना जाता है? हेट स्पीच से जुड़े मसले भी अपनी जगह हैं ही। कुल मिलाकर देखना होगा कि मस्क अपने इस बिजनेस वेंचर से कितना मुनाफा कमाते हैं और इस मंच को कितना बेहतर, कितना पॉजिटिव रूप दे पाते हैं।


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