सम्पादकीय

समस्या कहना है, या कृत्य?

Subhi
17 March 2021 3:14 AM GMT
समस्या कहना है, या कृत्य?
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उप राष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने पिछले हफ्ते सदन में सदस्यों से कहा कि वे ऐसा कुछ ना कहें,

उप राष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने पिछले हफ्ते सदन में सदस्यों से कहा कि वे ऐसा कुछ ना कहें, जिससे भारत की छवि को नुकसान पहुंचता हो और जिसका इस्तेमाल देश के दुश्मन कर सकते हों। सदन के नए सदस्यों के लिए आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन के मौके पर उन्होंने जोर दिया कि चर्चा, तर्क-वितर्क और निर्णय लेना लोकतंत्र के मंत्र हैं। मगर सदस्यों को सदन में व्यवधान का रास्ता नहीं अपनाना चाहिए। सदस्यों नियमों का हवाला देकर सदन में व्यवधान पैदा नहीं करना चाहिए। फिर उन्होंने कहा- 'हमारे राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं। हम एक दूसरे का विरोध करते हैं, परंतु जब देश की बात आती है तो उस समय हमें ऐसा कुछ नहीं करना या कहना चाहिए, जिससे देश की छवि को नुकसान पहुंचे तथा देश के शत्रु उसका इस्तेमाल करें और कहें कि ऐसा भारत की संसद में कहा गया है।' मगर क्या सरकार को कोई ऐसा कदम उठाना चाहिए, जिससे ऐसी बातें कहने की नौबत आती है? या फिर पीठासीन अधिकारियों को ऐसा व्यवहार करना चाहिए, जिससे कड़वाहट पैदा होती है?

पिछले साल जिस तरह ध्वनिमत से कृषि बिल पास कराए गए, क्या वैसा होना चाहिए? वे बिल ही कानून बन कर आज के व्यापक किसान आंदोलन की वजह बने हैं। अगर उन विधेयकों को स्थायी समिति के पास भेजने की विपक्ष की मांग मान ली गई होती और फिर संसदीय प्रक्रियाओं का पालन करते हुए उन्हें पारित कराने की कोशिश हुई होती, तो शायद आज जो तनाव उत्तरी भारत के ग्रामीण इलाकों में देखने को मिल रहा है, वैसा नहीं होता। इस मौके पर ये बात इसलिए अहम है, क्योंकि वेंकैया नायडू राज्य सभा के सभापति हैं। हालांकि बिल पारित होने के मौके पर सदन की अध्यक्षता उप सभापति हरिवंश कर रहे थे, लेकिन सदन में जो भी उसका आखिरी उत्तरदायित्व सभापति पर ही आता है। देश ने अभी तक इस बारे में उनकी राय नहीं सुनी है कि क्या जिस तरह वे बिल पारित कराए गए, वह उचित था? बात सिर्फ उन बिलों की नहीं है। या हाल में जिस तरह सरकार ने रोडरोलर अंदाज में सदन चलाया और जिस तरह उसमें पीठासीन अधिकारी सहायक बने हैं, उनसे भारत का संसदीय लोकतंत्र लांछित हुआ है। क्या यह विदेशों में बदनामी की असली वजह नहीं है?


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