- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- निजता की चिंता
जनता से रिश्ता वेबडेसक | सोशल मीडिया कंपनी वाट्सएप की नई नीति के मामले में सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप आश्वस्तकारी है। अदालत ने उचित ही कहा है कि देश के लोग अपनी निजता की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और उनके हितों की रक्षा करना अदालत का कर्तव्य है। साल 2014 में फेसबुक ने जब वाट्सएप को खरीदा था, तब यह कहा था कि वाट्सएप कंपनी अपने डाटा फेसबुक के साथ साझा नहीं करेगी, लेकिन वह अपने वादे पर कायम नहीं रह सकी। फिर इस जनवरी में वाट्सएप ने जो नई नीति बनाई है, उसमें यूजर्स से अतिरिक्त डाटा जुटाने की अपनी मंशा उसने साफ जाहिर की है। भारतीयों को आसान लक्ष्य समझने का उसका दुस्साहस इस तथ्य से भी पुष्ट होता है कि कंपनी ने यूरोप के लिए नीतियों का अलग मसौदा तैयार किया, जबकि भारत के लिए अलग। हालांकि, सरकार और यूजर्स की तीखी प्रतिक्रिया के बाद कंपनी ने नई नीति के क्रियान्वयन को मई तक के लिए स्थगित कर दिया था। पर इस पूरे मामले में पारदर्शिता और वैधानिक बाध्यता बहुत जरूरी है।