सम्पादकीय

प्रधानमंत्री का 'महाप्रेम'

Gulabi
1 Jun 2021 12:54 PM GMT
प्रधानमंत्री का महाप्रेम
x
दुनिया में अजब प्यार की गजब की कहानियां लोकप्रिय हुई हैं

दुनिया में अजब प्यार की गजब की कहानियां लोकप्रिय हुई हैं। भारत में ही नहीं पूरी दुनिया में ऐसी प्रेम कहानियों पर गाथाएं लिखी गई हैं। मगर हर कहानी में छिपे हुए संदेश समझने की जरूरत है। चाहे वह भागमती और मोहम्मद कुली की कहानी हो या फिर रानी रूपमति और बाज बहादुर की या फिर रजिया सुल्तान और याकूत की या फिर बाजीराव और मस्तानी की हो।


इश्क पर जोर नहीं, है ये तो आतश

गालिब कि लगाए न लगे और बुझाए न बुझे !

यह सुनने में बहुत ही मीठा लगता है कि ब्रिटेन की उस महारानी विक्टोरिया के एक भारतीय अब्दुल करीम के साथ प्रेम संबंध थे जिसके साम्राज्य में कभी सूरज नहीं डूबता था। महारानी विक्टोरिया आज भी भारतीय जनमानस की किंवदंतियों में वैभव और एश्वर्य के साथ महिला की सर्वोच्च सत्ता के रूआब का प्रतीक है।

किसी भी महिला के साथ महारानी विक्टोरिया का खिताब लगाना सम्मान का सूचक ही माना जाता है। उस महारानी की अंतरंग प्रेम गाथाओं के उजागर होने से इस छवि पर विपरीत प्रभाव पड़ने की संभावना भी नहीं है क्योंकि दुनिया के सबसे बड़े राजघराने की मल्लिका के एक इशारे पर उसके कर्मचारी स्वर्ग को जमीन पर उतारने की कसमें खा सकते थे। ऐसे भी महारानी का किसी कर्मचारी पर अपना प्यार उड़ेल देना बहुत महत्वपूर्ण है।

कई राजाओं-महाराजाओं ने अपने प्यार के लिए सत्ता को ठोकर मार दी तो कभी-कभी उन्होंने अपना प्रेम हासिल करने के लिए युद्ध भी लड़े। कहने का अभिप्राय यह है कि इंसान केवल इंसान होता है चाहे वह राजा हो या रंक। सभी के सीने में एक दिल धड़कता है जो माेहब्बत और प्यार का प्यासा होता है। यह माेहब्बत का ही जज्बा है कि जो एक राजा को रंक से मोहपाश में बांध देता है। इन प्रेमगाथाओं में शुचिता का भाव है।

दुनिया में ऐसी बहुत सी प्रेमगाथाएं हैं जो शारीरिक आकर्षण की कहानियों से भरी पड़ी हैं। क्लियापेड्रा और का​र्लिन मुनरो की प्रेम कहानियां भी लोगों की जुबां पर अक्सर आ जाती हैं मगर उनका भाव कहीं न कहीं देह की भूख से जुड़ जाता है।ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने 56 वर्ष की उम्र में अपने से 23 वर्ष छोटी कैरी साइमंड्स से शादी कर ली है। इस तरह से जॉनसन ने अपनी प्रेम कहानी काे मुकम्मल कर दिया ले​किन किसी की प्रेम कहानी की तरह ब्रिटेन के प्रधानमंत्री की प्रेम कहानी में कई अड़चने आईं लेकिन उन्होंने अपने प्यार को झुकने नहीं दिया। 2018 में बोरिस जॉनसन का अपनी दूसरी पत्नी मरीना व्हीलर से तलाक हो गया था।

मरीना के साथ उनका रिश्ता 25 वर्ष चला लेकिन तलाक के बाद से ही अटकलें लगाई जा रही थी कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री की जिंदगी में किसी अनजान ने दस्तक दे दी है। उनकी ​जिंदगी में दस्तक देने वाली कैरी साइमंड्स की एक अलग हस्ती होती थी। उनके पिता ब्रिटेन के बेहद प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं। वे विश्व विख्यात न्यूज पेपर इंडिपेंडेंड के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं।

खुद कैरी साइमंड्स भी 2010 में कंजर​वेटिव पार्टी में शामिल हो गई थीं और धीरे-धीरे राजनीति में अपना मुकाम बनाने लगी थी। उन दिनों बोरिस जॉनसन ब्रिटेन के विदेश सचिव हुआ करते थे। उस समय एक लड़की की ओर सबका ध्यान गया, वो थी कैरी साइमंड्स। जिसने ब्रेक्सिट में भाषण देने के​ लिए बोरिस जॉनसन की शान में कसीदे पढ़े थे।

कैरी ने लगातार ट्वीट पर बोरिस के भाषण की तारीफ की थी। इस ट्वीट के बाद किसी से छिपी नहीं रही कि बोरिस जॉनसन और कैरी साइमंड्स काफी गहरे दोस्त बन चुके हैं। 2009 में ही कैरी साइमंड्स ने प्रेस आफिसर की भूमिका निभाई थी जिनका काम जॉनसन को लंदन का मेयर बनाना था फिर इनके प्रेम के किस्से अखबारों की सुर्खियां बनने लगे। पिछले वर्ष मार्च में बोरिस जानसन और कैरी साइमंड्स ने अपने रिश्ते को सार्वजनिक करते हुए इंगेजमेंट की घोषणा कर दी। अंततः दोनों ने शादी रचा ली।

फ्रांस केे पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी का दिल 12 साल छोटी एक सुपर मॉडल कार्ला ब्रूनी पर आ गया था। वे तो राजनीतिक प्रोटोकॉल को दरकिनार करते हुए उसे राष्ट्रपति भवन ले जाते थे और उसके साथ लिव-इन-रिलेशनशिप में रहना शुरू कर दिया था। बदले में सुपर मॉडल सरकारी कार्यक्रमों में अपने पूर्व प्रेमियों को बुलाने लगी।

यहीं से शुरू हुई निकोलस सरकोजी के भ्रष्टाचार और विवादों में धंसने की शुरूआत। इश्क में कोई बुराई नहीं लेकिन अगर निजी इश्क पर लुटाए गए तोहफों का खर्च जनता के टैक्स से जुटाए गए सरकारी खजानों से किया जाएगा तो विवाद तो होगा ही। देह आकर्षण में अंधे हो चुके निकोलस भांप ही नहीं सके कि जनता उनके खिलाफ हो चुकी है। अब वे भ्रष्टाचार के आरोपों में सजा भुगत रहे हैं।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जॉनसन और कैरी की प्रेम कहानी में कितनी शुचिता है और ​कितना देह आकर्षण यह तो वे ही जाने। यह प्रेम मात्र मर्यादा और शालीनता के दायरे में है, पर नहीं इसका फैसला तो ब्रिटेन की जनता ही कर सकती है। फिलहाल 'महाप्रेम' की कहानी हमारे सामने है।

-आदित्य नारायण चोपड़ा


Gulabi

Gulabi

    Next Story