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आदित्य चौपड़ा। भारत की संघीय व्यवस्था में राज्यों के संघ (यूनियन आफ इंडिया) यानि भारत की केन्द्र सरकार को समूचे देश में संविधान का शासन देखने का अख्तियार इस प्रकार दिया गया है कि यह किसी भी राज्य में परिस्थितियां संविधान के कायदे से बाहर होने पर वहां की चुनी हुई सरकार को अपदस्थ करते हुए सत्ता अपने हाथ में ले सकती है। संविधान निर्माताओं ने देश की एकता व अखंडता और सार्वभौमिकता के नजरिये से यह 'कशीदाकारी' इसीलिए की जिससे भारत का कोई भी राज्य किसी भी विकट स्थिति में स्वयं को अलग-थलग पड़ा हुआ न देख सके। कोरोना संक्रमण के चलते आम जनता को वैक्सीन लगाने के सवाल पर दूसरी दिशा (राज्यों की तरफ से) ऐसे मुद्दे प्रखरता के साथ उभरे जिसमें स्वयं केन्द्र ही राज्यों की असमर्थता पर मूकदर्शक बना हुआ था। अतः प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस अभूतपूर्व संकटकाल में स्वयं आगे बढ़ कर पूरे राष्ट्र को नेतृत्व प्रदान करते हुए प्रत्येक वयस्क नागरिक को वैक्सीन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी लेते हुए घोषणा की कि राज्यों को अब चिन्तामुक्त हो जाना चाहिए।