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- कीमतों की चुभन
यह तो तय था। पिछले काफी दिनों से यह आशंका जताई जा रही थी कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव का मतदान खत्म होते ही पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी की घोषणा हो जाएगी। कुछ विपक्षी नेता तो बार-बार ट्वीट और बयानों के जरिये वोटरों को आगाह भी कर रहे थे, यह और बात है कि मतदाताओं ने उन्हें बहुत महत्व नहीं दिया। लेकिन अब जब रसोई गैस सिलेंडर के दाम में एकमुश्त 50 रुपये और पेट्रोल-डीजल की खुदरा कीमतों में 80 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की गई है, तो वे आशंकाएं भी सच साबित हो गई हैं, और महंगाई के और बढ़ने की नई चिंता लोगों के सिर पर सवार हो गई है। गौरतलब है, इसी सोमवार को डीजल की थोक खरीद पर करीब 25 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई थी। लाजिमी है कि वस्तुओं की ढुलाई और परिवहन संसाधनों पर इससे दबाव बढ़ेगा और इसका बोझ अंतत: उपभोक्ताओं को ही उठाना होगा।