सम्पादकीय

टीकाकरण की प्रशंसा

Rani Sahu
17 Oct 2021 6:11 PM GMT
टीकाकरण की प्रशंसा
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भारत के टीकाकरण अभियान की प्रशंसा स्वागतयोग्य होने के साथ ही पूरी दुनिया के लिए अनुकरणीय भी है

भारत के टीकाकरण अभियान की प्रशंसा स्वागतयोग्य होने के साथ ही पूरी दुनिया के लिए अनुकरणीय भी है। विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड मलपास ने शनिवार को वाशिंगटन में भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भेंट के दौरान कोरोना वायरस बीमारी के खिलाफ सफल टीकाकरण अभियान के लिए भारत को बधाई दी है। गौर करने की बात है कि भारत 100 करोड़ खुराक के महत्वपूर्ण पड़ाव को पार करने वाला है। कोरोना खुराक के मामले में भारत महज चीन से ही पीछे है। चीन के आंकड़ों पर अगर विश्वास किया जाए, तो वहां दो अरब से ज्यादा खुराक दी जा चुकी है। अगर संख्यात्मक तुलना करें, तो भारत टीकाकरण में अमेरिका से दो गुना से भी बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। इस मोर्चे पर बाकी देश भारत से बहुत पीछे है। भारत ने अपनी आबादी को ध्यान में रखते हुए टीकाकरण के मोर्चे पर बेहतरीन काम किया है। टीकाकरण भारत में जिस तरह की चुनौती था, उसे देखते हुए यह पड़ाव बहुत उल्लेखनीय है और विश्व बैंक की ओर से अगर भारत की तारीफ हो रही है, तो हमें इस दिशा में और प्रेरित होकर काम करना चाहिए।

अब जरूरी है कि वैक्सीन उत्पादन और वितरण में भारत की अंतरराष्ट्रीय भूमिका का विस्तार हो। भारत की ख्याति एक वैक्सीन उत्पादक देश के रूप में है और भारत ने कोरोना वैक्सीन के मामले में अपनी आबादी का टीकाकरण करने के लिए दुनिया के दूसरे देशों को वैक्सीन देने का काम रोक रखा है। हालांकि, अब हम ऐसी स्थिति में पहुंच रहे हैं कि भारत सरकार कभी भी कोरोना वैक्सीन का निर्यात शुरू कर देगी। भारत की अपनी कोवैक्सीन को दुनिया के सात देशों ने मंजूरी दे रखी है। हमें अपने वैक्सीन के निर्यात के लिए कोशिशें ज्यादा तेज करनी चाहिए। विशेष रूप से अफ्रीका के देश टीकाकरण में काफी पिछड़ गए हैं। वहां ऐसे देश भी हैं, जहां न के बराबर टीकाकरण हुआ है, अत: भारत को इन देशों के लिए उत्पादन बढ़ाना चाहिए। इनमें से अनेक देश भारत के भरोसे ही बैठे होंगे, इनमें कुछ देश ऐसे भी हैं, जिन्हें भारत पहले कुछ वैक्सीन दे चुका है। भारत ने अप्रैल के महीने में किसी भी देश को टीका देने से मना कर दिया था, क्योंकि अप्रैल में देश में कोरोना के मामले बहुत तेजी से बढ़ने लगे थे। गौर करने की बात है कि 9 मई को जब भारत में कोरोना मामले रिकॉर्ड स्तर पर दर्ज हुए थे, उसकी तुलना में अब महज चार प्रतिशत मामले ही दर्ज हो रहे हैं। बेशक, कोरोना से सफल मुकाबले में टीकाकरण का योगदान सबसे खास है। भारत में लगभग 70 प्रतिशत आबादी को कम से कम एक खुराक मिल चुकी है और लगभग 30 प्रतिशत आबादी को दोनों खुराक। असर यह है कि भारत के दैनिक कोविड-19 संक्रमण में गिरावट आ रही है और बीते शनिवार को महज 15,981 नए मामले सामने आए हैं। भारत ने जिस तरह से टीकाकरण किया है और जिस तरह से अपनी अर्थव्यवस्था को संभाल रहा है, उससे विश्व बैंक का भारत के प्रति विश्वास बढ़ा है। भारत को टीकाकरण में और तेजी लाने पर ध्यान देना चाहिए। बच्चों के टीकाकरण पर सावधानी से काम करना होगा। हम दुनिया में भले कुछ आगे दिख रहे हों, लेकिन अपने स्तर पर हमारी सत्तर प्रतिशत यात्रा अभी शेष है, तो हमें मंजिल की ओर तेज चलना ही होगा।
Rani Sahu

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