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![सिनेमा की शक्ति सिनेमा की शक्ति](https://jantaserishta.com/h-upload/2022/12/17/2324357--.webp)
फाइल फोटो
जनता से रिश्ता वबेडेस्क | बॉलिवुड के दो सबसे बड़े सितारे, अमिताभ बच्चन और शाहरुख खान गुरुवार को एक मंच पर थे। कोलकाता इंटरनैशनल फिल्म फेस्टिवल के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए दोनों में से किसी ने भी हालिया विवादों का सीधे तौर पर जिक्र नहीं किया, लेकिन सशक्त अंदाज में मौजूदा दौर की उन प्रवृत्तियों को रेखांकित कर गए, जो देश में सिनेमाई रचनात्मकता के मार्ग में एक बड़ी बाधा के रूप में देखी जा रही है। शाहरुख खान की आने वाली फिल्म 'पठान' के गाने को लेकर उठा वह विवाद तो इन खतरों का सिर्फ एक पहलू है, जिसमें गाने को भगवे का अपमान बताया जा रहा है। कथित फ्रिंज एलीमेंट्स की बात तो छोड़िए, एक राज्य के गृहमंत्री तक ने गाने को आपत्तिजनक बताते हुए कहा है कि दीपिका कुछ साल पहले जेएनयू जाकर टुकड़े-टुकड़े गैंग का समर्थन करके अपनी मानसिकता का परिचय दे चुकी हैं। समझा जा सकता है कि किसी फिल्म का या उसमें दिखाए गए किसी शॉट का मूल्यांकन करने के लिए आज सरकार से जुड़े लोग भी किस-किस तरह की कसौटियां आजमा रहे हैं। यही कारण है कि बॉलिवुड में किसी भी नए प्रॉजेक्ट के लिए विषय का चयन एक बड़ी समस्या बन गया है। कोई नहीं जानता कि किस विषय से जुड़े किस पहलू को उभार कर फिल्म को विवादों में घसीट लिया जाएगा।