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अध्ययनकर्ताओं ने यूरोप, एशिया और अमेरिका के 13 देशों के आंकड़ों से चीन की तुलना की है
By NI Editorial
अगर आबादी अधिक गिर जाए, तो एक समय आता है, जब समाज में कमाने वाले लोग कम और उन पर या सामाजिक सुरक्षा योजनाओं पर निर्भर लोगों की संख्या अधिक हो जाती है। इससे समाज में असंतुलन पैदा होता है। इस समस्या से कई देश जूझ चुके हैँ। अब बारी संभवतः चीन की है।
ज्यादा आबादी से बेशक समाज के लिए चुनौती पैदा होती है, लेकिन अगर इसमें तेजी से गिरावट आने लगे तो उससे भी समाजों के लिए समस्या खड़ी हो जाती है- यह जनसंख्या विज्ञान की आम समझ है। अगर आबादी अधिक गिर जाए, तो एक समय आता है, जब समाज में कमाने वाले लोग कम और उन पर या सामाजिक सुरक्षा योजनाओं पर निर्भर लोगों की संख्या अधिक हो जाती है। इससे समाज में असंतुलन पैदा होता है। इस समस्या से कई देश जूझ चुके हैँ। अब बारी संभवतः चीन की है। हालांकि चीन के नजरिए से अच्छी बात यह है कि वह समस्या आने के पहले से इसको लेकर जागरूक हो गया है। वहां आबादी वृद्धि दर गिरने के कारणों को समझने की कोशिश की गई है। उन कारणों को कैसे दूर किया जाए, इस पर भी गौर किया जा रहा है। इसी कोशिश में एक ताजा अध्ययन रिपोर्ट वहां जारी हुई है। उसमें यह स्वीकार किया गया है कि बच्चों का पालन-पोषण बेहद महंगा हो जाने के कारण लोग बच्चे पैदा करने से बच रहे हैँ। इस बारे में हुए एक ताजा अध्ययन से सामने आया है कि चीन में जन्म से 18 साल की उम्र तक बच्चों को पालने का औसत खर्च लगभग साढ़े 76 हजार डॉलर आता है।
अध्ययनकर्ताओं ने यूरोप, एशिया और अमेरिका के 13 देशों के आंकड़ों से चीन की तुलना की है। इसके मुताबिक बच्चों का सबसे अधिक महंगा पालन-पोषण दक्षिण कोरिया में है। वहां प्रति व्यक्ति जीडीपी से 7.79 प्रतिशत गुना अधिक रकम जन्म से 18 साल की उम्र तक बच्चे के पालन-पोषण पर खर्च हो जाती है। गौरतलब है कि दक्षिण कोरिया में प्रति महिला शिशु जन्म दर गिर कर 0.84 तक पहुंच चुकी है। चीन इस लिहाज से दूसरे नंबर पर है, जहां एक बच्चे के पालन-पोषण पर प्रति व्यक्ति जीडीपी का 6.9 गुना खर्च करना पड़ता है। अमेरिका में ये आंकड़ा 2015 में 4.11 गुना, ब्रिटेन में 2021 में 5.25 गुना, और जर्मनी में 2018 में 5.64 गुना था। तो अध्ययनकर्ताओं ने बच्चों के पालन-पोषण का खर्च घटाने का सुझाव दिया गया है। इसमें एक सुझाव यह है कि दो बच्चों तक हर बच्चे के जन्म पर दंपतियों को एक हजार युवान की सब्सिडी दी जाए। तीन या उससे अधिक बच्चों वाले दंपतियों तो दो हजार युवान की सब्सिडी मिले। इसके अलावा अधिक बच्चे पैदा करने वाले दंपतियों को इनकम टैक्स में छूट के सुझाव भी दिए गए हैँ।
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