- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- सियासत के आत्मघाती...
हिमाचल कांग्रेस कार्यकारिणी का सफेदपोश चेहरा सामने है, तो मेहनत, मकसद व मंजिल के सफर पर मनोबल का प्रदर्शन भी शुरू होने जा रहा है। ऊना के प्रवेश द्वार पर लगातार जश्र को लांघते कुछ नेता और तोरण द्वारों पर मंगलगीत समारोहों का जोश मुखातिब है। यह दीगर है कि शिमला में सम्मान समारोह की ताकत का अंदाजा लगाया जा रहा है और पार्टी को भीतरी तहों में फंसे मलाल का भी अंदेशा हो रहा है। जाहिर तौर पर हिमाचल का राजनीतिक सूचकांक कई पहलुओं पर गौर कर रहा है और इनमें 'आप की करवटों के नक्श और नैन पहचानने की कोशिश में भाजपा और कांग्रेस के नेता खुद को भरोसा नहीं दिला पा रहे हैं। राजनीति को आगे बढऩा है, लेकिन सियासी अनुशासन को नहीं, इसलिए बिना किसी सांगठनिक परंपरा, विचारधारा या कार्यक्रम के मोर्चे पर आई आम आदमी पार्टी के छक्कू में हिमाचल की राजनीति अपने छल छनने और छंटाई के बाद सामने आने लगी है। प्रदेश में तीन परिदृश्य एक साथ चल रहे हैं।
क्रेडिट बाय दिव्याहिमाचली