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- चांदनी के भ्रम में...
राजनीतिक इच्छा शक्ति बनाम सियासी स्वार्थ के हर खेल में हिमाचल के नेताओं का कद और स्तर अब क्षेत्रवाद से ऊपर नहीं उठ रहा है। इसी तरह नागरिक जागरूकता भले ही हर हिमाचली की पहचान बन जाए, मगर सियासी चेतना से कोसों दूर है हिमाचली समाज। यही वजह है कि हर बार सरकार को बदलना होता है और खुद को स्थायी रूप से रोकने के लिए सरकारों के बीच मंत्रियों का क्षेत्रवाद पनप रहा है, सरकारी कार्यसंस्कृति ध्वस्त हो रही है तथा अफसर शाही-नौकरशाही केवल हिमाचल के भविष्य को धकिया रही है। जब नीतियां खामोश रहेंगी और सत्ता के ओहदेदार अपनी सलामती के लिए राज्य का बजट जाया करेंगे, तो नागरिक समाज भी ऐसे मुद्दों पर मोहित होता रहेगा, जो सिर्फ चांदनी रात की तरह कुुछ क्षणों का भ्रम हो सकते हैं। हर साल हमारे विधायक अपनी प्राथमिकताओं का गुलदस्ता बनाते हैं, लेकिन ये सारे फूल हर बार बिखरे-बिखरे से प्रयास में टूट जाते हैं।
Divyahimachal