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- चुनावों का सियासी कथन
divyahimachal.
उपचुनावों के गुण और गुणवत्ता के आकलन में आम जनता के सामने सियासी चरित्र की पड़ताल होगी। राजनीतिक कथन के परिप्रेक्ष्य में चुनावी लहरों पर दौड़ती महत्त्वाकांक्षी किश्तियों का टकराव और लोकतांत्रिक परिदृश्य की मजबूरियों का शृंगार। हिमाचल में उपचुनावों की प्रदक्षिणा में टिकट पाने की होड़ और अलंकरण की भूमिका में दो प्रमुख दल। भाजपा अगले हफ्ते अपने उम्मीदवारों की गुणात्मक शक्ति का परिचय कराएगी, तो कांग्रेस भी अपने दहले पेश करेगी। आंतरिक सर्वेक्षणों की मुखालफत में उम्मीदवारों का चयन हमेशा टेढ़ी खीर की तरह है। प्रचार की नोक पर हिमाचल की अवसरवादिता का खेल और हर तुर्रमखान की असलियत का खोखलापन जाहिर होगा। आश्चर्य यह कि हम नागरिक समाज के रूप में जो सोचते हैं, उससे कहीं विपरीत अपने जनप्रतिनिधियों से प्राप्त करते हैं। यह दीगर है कि हिमाचल के विधायकों का करिश्मा उनके द्वारा अर्जित सत्ता की ऊष्मा तथा ट्रांसफरों के जरिए किया गया परोपकार है। पिछले चार साल की विधायकी के आगे शेष एक साल का समय कितना आगे जा सकता है, यह समझ से परे है।