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- पुलिस अत्याचार की अति
देश के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना ने अफसरशाही, खासकर पुलिस ऑफिसरों की ओर से किए जा रहे अत्याचारों पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। मुख्य न्यायाधीश रमना ने यहां तक कह दिया कि वह राज्यों में हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के नेतृत्व में ऐसी स्थायी समिति बनाने के हक में हैं, जो समय-समय पर आने वाली इन शिकायतों की जांच करे। चीफ जस्टिस रमना ने यह बात ऐसे समय कही है, जब यूपी के गोरखपुर में एक होटल पर छापे के दौरान कथित तौर पर पुलिसकर्मियों की मारपीट से हुई एक प्रॉपर्टी डीलर की मौत सुर्खियों में है। जिस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस रमना ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अगुआई में समिति बनाने की यह बात कही, उसमें छत्तीसगढ़ के एक निलंबित अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक गिरफ्तारी से राहत देने की गुजारिश लेकर आए थे। इस वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पर राजद्रोह और अवैध वसूली समेत कई आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहने के आरोप हैं। हालांकि पुलिस अधिकारी के मुताबिक उसे पिछली सरकार से कथित तौर पर करीबी रिश्तों की सजा दी जा रही है।