- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- प्रधानमंत्री का दौरा
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विदेश दौरा देश के लिहाज से सकारात्मक और स्वागतयोग्य रहा है। यह दौरा मूल रूप से संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के लिए था, जहां दुनिया के 100 से ज्यादा राष्ट्राध्यक्षों या राष्ट्र-प्रतिनिधियों ने अपना-अपना उद्बोधन पेश किया। अत्यंत महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ी दुनिया में कई नेताओं ने परोक्ष, तो कई नेताओं ने प्रत्यक्ष उपस्थिति से महासभा को सार्थक सिद्ध किया। वहां भारतीय प्रधानमंत्री की प्रत्यक्ष उपस्थिति से भारत के पक्ष को नि:संदेह मजबूती मिली है। ऐसे अवसर बहुत कम आते हैं, जब दुनिया के राष्ट्र आपकी बात सुनते हैं। जम्मू-कश्मीर की सांविधानिक स्थिति में परिवर्तन, कोरोना महामारी के तांडव, भारत-चीन संघर्ष, अमेरिका की अफगानिस्तान से वापसी और तालिबान के शिकंजेकी पृष्ठभूमि में संयुक्त राष्ट्र की यह बैठक कमोबेश हर देश के लिए महत्व रखती थी। अब अमेरिका की स्थिति ऐसी नहीं है कि वह आक्रामक हो। वह ऑकस और क्वाड जैसे नए गठजोड़ों में भविष्य तलाशता दिख रहा है और महासभा के दौरान भी उसकी कोशिशें इस दिशा में तेज थीं। यह एक ऐसा मोर्चा है, जहां भारत की अपनी चिंताएं और सीमाएं हैं।
क्रेडिट बाय हिंदुस्तान