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- जनता के भरोसे जोखिम...
किसी भी नेता की राजनीतिक पूंजी उसकी सबसे बड़ी ताकत होती है। नेता इसका इस्तेमाल बड़ी किफायत से करते हैं और इसके प्रति सजग रहते हैं कि इसमें कमी न होने पाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास राजनीतिक पूंजी बहुत ज्यादा है, पर वह इसका इस्तेमाल बड़ी दरियादिली से करते हैं। लगता है उन्हें इसका अक्षय पात्र मिल गया हो। किसान आंदोलन के माहौल में कोई भी प्रधानमंत्री लोकलुभावन घोषणाओं का सहारा लेता। इसके विपरीत मोदी सरकार ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की। बजट के जरिये मोदी विकास की राजनीति की एक नई इबारत लिख रहे हैं। मोदी बड़ा राजनीतिक जोखिम मोल ले रहे हैं। वह एक के बाद एक नए-नए आर्थिक सुधार के ऐसे कदम उठा रहे हैं, जो राजनीतिक घाटे का सौदा बन सकते हैं। इन कदमों का महत्व इसलिए और बढ़ जाता है कि ये विपरीत परिस्थितियों में उठाए जा रहे हैं। खराब परिस्थितियां केवल राजनीतिक नहीं हैं, बल्कि कोरोना के कारण भी हैं।