सम्पादकीय

पीएम गति शक्ति : राष्ट्रीय मास्टर प्लान

Rani Sahu
16 Sep 2022 6:54 PM GMT
पीएम गति शक्ति : राष्ट्रीय मास्टर प्लान
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वर्ष 2014 में भारत के प्रधानमंत्री के रूप में श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा एक आत्मनिर्भर राष्ट्र, जिसमें समाज के सभी वर्गों को समस्त बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हों, बनाने के लिए अपनी अथक यात्रा शुरू करने के समय से ही 'अद्भुत तेज गति के साथ बड़े पैमाने पर विकास' एक नए उभरते भारत की विशिष्ट पहचान बन गया है। दक्षता एवं पारदर्शिता के साथ-साथ अंतिम व्यक्ति तक सेवाओं की तेज और सुगम उपलब्धता सुनिश्चित करने की कार्य संस्कृति विकसित करने में काफी हद तक सफल होने के बाद यह सरकार 'सबका साथ, सबका विकास' के मूल मंत्र और वर्ष 2024ृ-25 तक भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की परिकल्पना के साथ विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों व राज्य सरकारों के बीच बेहतर समन्वय एवं तालमेल के जरिए और भी अधिक ऊंचाइयों को छूना चाहती थी। वर्ष 2021 में माननीय प्रधानमंत्री ने 'पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान' शुरू किया है।
एक नए भारत के निर्माण के लिए अवसंरचना क्षेत्र की 'गति' को और भी अधिक 'शक्ति' दी जानी थी। माननीय प्रधानमंत्री ने कहा था 'आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ अगले 25 वर्षों के लिए भारत की नींव रखी जा रही है। हमने परियोजनाओं को न केवल समय पर पूरा करने की कार्य संस्कृति विकसित की है, बल्कि परियोजनाओं को निर्धारित समय से पहले ही पूरा करने का अथक प्रयास किया जा रहा है।' इस मास्टर प्लान ने यह भी साबित कर दिखाया कि आखिरकार किस तरह से भारत ने देश में सभी विकास गतिविधियों को बाधित करने वाली महामारी के भू-राजनीतिक संकट के अत्यंत कठिन समय का मुकाबला करने के बाद काफी तेजी से प्रगति करने के लिए दृढ़ संकल्प लिया था। माननीय प्रधानमंत्री द्वारा परिकल्पित इस मास्टर प्लान का लक्ष्य अगले 25 वर्षों में भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है। यह दरअसल एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है जिसने देश के विभिन्न हिस्सों, विशेषकर सभी आकांक्षी जिलों, जनजातीय इलाकों, पहाड़ी क्षेत्रों और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में व्यापक और समावेशी सामाजिक-आर्थिक प्रगति के लिए अवसंरचना कनेक्टिविटी परियोजनाओं के एकीकृत नियोजन और समन्वित कार्यान्वयन के लिए मेरे सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय सहित 16 केंद्रीय मंत्रालयों को एक साथ ला दिया है। पिछले कुछ वर्षों में, सरकार ने एक समग्र दृष्टिकोण के साथ अवसंरचना संबंधी विकास पर अभूतपूर्व रूप से ध्यान दिया है। इस कदम ने अवसंरचना की प्रमुख परियोजनाओं के हितधारकों के लिए समग्र योजना को संस्थागत बनाकर पुरानी समस्याओं को हल करने में मदद की है। इस राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत अलग-अलग हिस्सों में बंटकर योजना बनाने और उसकी रूपरेखा तैयार करने के बजाय, परियोजनाओं को एक ही मंच पर एक साझा दृष्टिकोण के साथ डिजाइन व कार्यान्वित किया जाएगा। सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने देश भर में अत्याधुनिक मल्टी-मोडल अवसंरचना के निर्माण की गति को आगे बढ़ाते हुए इस राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत महत्वपूर्ण प्रगति की है। माननीय प्रधानमंत्री हमेशा मंत्रिमंडल के समक्ष मेरी विभिन्न प्रस्तुतियों में नए पहलू सुझाते हैं और रचनात्मक विचार देते हैं। वह लगातार निरीक्षण करते हैं और कुछ सबसे प्रतिष्ठित परियोजनाओं के मामले में, व्यक्तिगत रूप से प्रगति की निगरानी भी करते हैं और सभी हितधारकों, विशेष रूप से कामगारों, को उनके बहुमूल्य योगदान के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
ऐसा ही एक मामला उन दो सडक़ परियोजनाओं का था, जिनका उद्देश्य मेरे गृह राज्य महाराष्ट्र में मंदिर वाले शहर पंढरपुर की कनेक्टिविटी में सुधार करना था। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से इन परियोजनाओं का शिलान्यास किया था। उन्होंने श्री संत ज्ञानेश्वर महाराज पालकी मार्ग के पांच खंडों और श्री संत तुकाराम महाराज पालकी मार्ग के तीन खंडों को चार लेन का बनाने के कार्य का शिलान्यास किया था। देखिए, वह कैसे जुड़ाव बनाते हैं। उन्होंने 'मेरे वारकरी भाइयों' से आशीर्वाद के रूप में तीन चीजें मांगीं- राजमार्गों के किनारे के पेड़, सडक़ों के किनारे खास दूरी पर पीने के पानी की व्यवस्था और पंढरपुर को भारत का सबसे स्वच्छ तीर्थस्थल बनाना। विकास के बारे में माननीय प्रधानमंत्री जी के विचार के दो महत्वपूर्ण पहलू हैं- आधुनिकता के साथ-साथ सांस्कृतिक एवं सभ्यतागत विरासत का कायाकल्प। हमारी भारतमाला परियोजना कार्यक्रम प्रधानमंत्री की अन्य प्रमुख पहल जैसे कि सागरमाला, समर्पित फ्रेट कॉरिडोर, राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति एवं औद्योगिक गलियारे, उड़ान-आरसीएस, भारतनेट, डिजिटल इंडिया, पर्वतमाला और मेक इन इंडिया को साकार करने में मदद देने वाला और इन पहल का लाभार्थी भी है। भारतमाला परियोजना देश भर में नए राजमार्गों के निर्माण का एक महत्वाकांक्षी केन्द्र प्रायोजित कार्यक्रम है।
इसमें जनजातीय एवं पिछड़े इलाकों सहित दूरदराज की सीमावर्ती और ग्रामीण क्षेत्रों को कनेक्टिविटी प्रदान करने पर विशेष जोर दिया गया है। भारतमाला परियोजना के हिस्से के रूप में भारतीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) विभिन्न ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे और 35 मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक्स पार्क (एमएमएलपी) के निर्माण कार्य को तेजी से पूरा कर रहे हैं। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, अहमदाबाद-धोलेरा एक्सप्रेसवे, दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे, बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे, अंबाला-कोटपुतली एक्सप्रेसवे, अमृतसर-भटिंडा-जामनगर एक्सप्रेसवे, रायपुर-विजाग एक्सप्रेसवे, हैदराबाद-विजाग एक्सप्रेसवे, अर्बन एक्सटेंशन रोड, चेन्नई-सेलम एक्सप्रेसवे और चित्तौड़-थैचूर एक्सप्रेसवे कुछ ऐसे प्रमुख एक्सप्रेसवे और कॉरिडोर हैं जो समापन के चरण में हैं। कुछ प्रमुख अवसंरचना परियोजनाएं, जो निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं, उनमें प्रतिष्ठित जोजिला टनल और जेड-मोर्थ शामिल हैं, जो श्रीनगर और लेह को जोड़ेगी। मेरे मंत्रालय के तहत सडक़ और राजमार्ग की सभी अवसंरचना परियोजनाओं की अभूतपूर्व प्रगति और विकास हमारे माननीय प्रधानमंत्री के सक्षम व ऊर्जावान नेतृत्व तथा दूरदर्शिता के बिना संभव नहीं होगा, जो लगातार चौबीसों घंटे काम करते हैं, और जिनके प्रयासों एवं निरंतर मार्गदर्शन से न्यू इंडिया के उनके सपने को साकार करने के लिए हम लगातार प्रेरित हुए हैं। हमारे प्रिय और सबसे प्रिय प्रधानमंत्री इस शनिवार को 72 वर्ष के हो रहे हैं, इसलिए हम सभी अपने मंत्रालय के विकास और प्रगति से जुड़े कार्यों को उनके जन्मदिन पर उनके सम्मान में समर्पित करके इस दिन को एक अनोखे तरीके से मनाने के लिए तैयार हैं।
नितिन गडकरी
केंद्रीय मंत्री

By: divyahimachal

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