सम्पादकीय

मंदिरों की दुर्दशा

Neha Dani
10 Feb 2021 4:59 AM GMT
मंदिरों की दुर्दशा
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पाकिस्तान में हिंदुओं और उनके मंदिरों पर हमले की दुखदायी खबरें अक्सर आती रही हैं।

पाकिस्तान में हिंदुओं और उनके मंदिरों पर हमले की दुखदायी खबरें अक्सर आती रही हैं। इससे पता चलता है कि पड़ोसी देश में सबसे बड़े अल्पसंख्यक समुदाय की स्थिति कितनी दयनीय है। अब एक रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान में हिंदुओं के ज्यादातर मंदिर खंडहरों में तब्दील हो चुके हैं। यह रिपोर्ट पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर तैयार की गई है। सर्वोच्च अदालत ने मंदिरों की स्थिति का पता लगाने के लिए एक सदस्यीय आयोग काे बनाया था। आयोग ने अदालत को सौंपी अपनी रिपोर्ट में जो कुछ कहा है, वह अल्पसंख्यकों के प्रति पाकिस्तानी सत्ता के भेदभाव भरे और प्रताड़ित करने वाले रवैए को बताने के काफी है।

मंदिरों पर हमलों की बढ़ती घटनाओं से चिंतित पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पिछले कुछ समय में सख्त रुख अख्तियार किया है। सर्वोच्च अदालत ने मंदिरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार को कड़े कदम उठाने को तो कहा ही, साथ ही ऐसे में मामलों में दोषी पाए जाने वालों सजा भी दी है। अदालत का यह कदम हिंदुओं सहित दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों में सुरक्षा को लेकर एक भरोसा पैदा करने वाला है। लेकिन सवाल है कि अगर सरकार ही नहीं चाहेगी तो अल्पसंख्यक और उनके धार्मिक स्थल कैसे सुरक्षित रहेंगे!
मंदिरों की दुर्दशा को लेकर आयोग ने अपनी रिपोर्ट में विस्तार से बताया है कि कैसे सरकारी उपेक्षा के कारण मंदिर खंडहरों में तब्दील होते चले गए। पाकिस्तान में मंदिरों सहित दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों के धार्मिक स्थलों की देखभाल के लिए 1960 में इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) बनाया गया था। लेकिन यह बोर्ड सिर्फ दिखावे भर का ही है। इसके पास कोई बहुत अधिकार भी नहीं हैं। बोर्ड का प्रबंधन मुसलिम समुदाय के हाथों में है, जबकि नेहरू-लियाकत समझौते के मुताबिक इसका अध्यक्ष हिंदू समुदाय से होना चाहिए। गुरद्वारों के लिए बनाए गए बोर्ड में सिखों का प्रतिनिधित्व नहीं है।
मंदिरों की सही संख्या को लेकर भी भ्रम है। ईटीपीबी के गठन के वक्त पाकिस्तान में एक हजार से ज्यादा मंदिर और पांच सौ से ज्यादा गुरद्वारे थे। लेकिन बोर्ड के मुताबिक इस वक्त तीन सौ पैंसठ मंदिरों में से सिर्फ तेरह मंदिरों का ही प्रबंधन उसके हाथ में है। आयोग ने रिपोर्ट में खुलासा किया है कि लगभग तीन सौ मंदिरों पर भूमाफियाओं ने कब्जा जमा रखा है। अगर पाकिस्तान सरकार चाहे तो इन मंदिरों पर से अवैध कब्जे हटवा कर इन्हें बोर्ड को सौंप सकती है और इनकी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकती है।


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