सम्पादकीय

प्लास्टिक कचरा प्रकृति के लिए हानिकारक

Gulabi
9 Sep 2021 5:47 AM GMT
प्लास्टिक कचरा प्रकृति के लिए हानिकारक
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स्वच्छता का लक्ष्य और स्वच्छ भारत का सपना तब तक पूरा नहीं हो सकता जब तक प्लास्टिक का प्रयोग शत-प्रतिशत बंद नहीं होता

स्वच्छता का लक्ष्य और स्वच्छ भारत का सपना तब तक पूरा नहीं हो सकता जब तक प्लास्टिक का प्रयोग शत-प्रतिशत बंद नहीं होता। हमारे देश में प्लास्टिक कचरा भी बढ़ता जा रहा है, कूड़े के ढेर में सबसे ज्यादा पॉलीथिन बैग ही नजर आते हैं। प्लास्टिक के कचरे को जला कर भी नष्ट नहीं किया जा सकता। इसे जलाने से जहरीली गैसें निकलती हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार देश में सबसे ज़्यादा प्लास्टिक कचरा बोतलों का होता है। देश के नागरिक और विदेशी लोग भी जब किसी कारण हमारे देश आते हैं, तो ये भी पानी की प्लास्टिक की बोतलों को इधर-उधर फैंक कर प्लास्टिक कचरे को बढ़ाते हैं। प्लास्टिक का दिन-प्रतिदिन बढ़ता प्रयोग लोगों की सेहत पर तो भारी पड़ ही रहा है, साथ ही यह प्रकृति को भी दूषित कर रहा है।

-राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा
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