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- पेट्रोल का दाम आसमान...
बात नहीं करने से महंगाई कम नहीं होगी लेकिन बात करने से पता चलेगा कि महंगाई क्यों है. सितंबर 2019 में मोदी सरकार ने मात्र दो दिनों की कवायद में कॉरपोरेट टैक्स 30 प्रतिशत से 22 प्रतिशत कर दिया. मीडिया में छपी खबरों के मुताबिक इसके लिए प्रधानमंत्री ने आपात और अप्रत्याशित स्थिति में इस्तेमाल होने वाले रूल 12 का सहारा लिया, जिसके तहत पहले फैसला होता है, बाद में कैबिनेट की मंज़ूरी ली जाती है. तो उसी रूल 12 के इस्तेमाल से एक्साइज ड्यूटी में कटौती कर आम आदमी को राहत क्यों नहीं दी जा रही है. दो दिन में कॉरपोरेट को राहत मिल गई लेकिन आम जनता को दस महीनों में भी नहीं मिली. छह जुलाई 2019 को पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 19 रुपये 98 पैसा था, 2 फरवरी 2021 को 32 रुपये 90 पैसा हो गया. कहीं ऐसा तो नहीं कि कॉरपोरेट को मिली छूट के कारण आम जनता पेट्रोल के ज़रिए चुका रही है.