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- शांतिपूर्ण चुनाव
पांच राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनावों में मतदान के आखिरी दौर का समापन किसी खुशखबरी से कम नहीं है। विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में सातवें चरण का मतदान संपन्न होने के बाद अब सबकी नजर चुनाव परिणामों पर होगी, लेकिन वस्तुत: जिस कुशलता के साथ इस विशाल राज्य में मतदान के दौर संपन्न हुए हैं, उसकी प्रशंसा करनी चाहिए। चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों को अगर हम छोड़ दें, तो चुनाव कुल मिलाकर शांतिपूर्वक संपन्न हुए हैं। संघर्ष भले तीखा रहा हो, जुबानी हमले भी खूब हुए हैं, प्रतिष्ठा का प्रश्न भी बड़ा रहा है, लेकिन हिंसा की कोई ऐसी घटना नहीं हुई है, जिसे भुलाया न जा सके। कुछ जगहों पर जो झड़पें हुई हैं, उन्हें स्थानीय ही मानकर चलना चाहिए। शांतिपूर्वक मतदान का एक बड़ा कारण यह भी है कि बड़ी सभाओं से इस चुनाव में कमोबेश बचा गया है। शुरू में कोरोना की वजह से भी लोगों का परस्पर टकराव कम हुआ है। शांतिपूर्वक और शालीनता के साथ चुनाव प्रचार हमने देखा है। केंद्रीय मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों को भी इस बार गलियों में पैदल वोट मांगते देखा गया है, तो इसका श्रेय महामारी को भी देना चाहिए। चुनाव आयोग अगर ढीला पड़ जाता, तो चुनाव में लोगों के बीच आक्रामकता को मौका मिलता।