- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- सिंधु जल संधि पर...
जनता से रिश्ता वेबडेसक | भारत और पाकिस्तान के बीच की दशकों पुरानी सिंधु जल संधि फिर चर्चा में है. सिंधु नदी तंत्र में कुल बहाव क्षेत्र 11,165,000 वर्ग किलोमीटर से अधिक है और अनुमान है कि इसमें सालाना लगभग 207 घन किलोमीटर पानी बहता है. इस हिसाब से यह दुनिया की 21वीं सबसे बड़ी नदी है. पाकिस्तान इस नदी पर पूरी तरह निर्भर है. पाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र में सिंचाई के लिए अंग्रेजों ने जटिल नहर व्यवस्था बनायी थी. विभाजन के बाद इसका बड़ा हिस्सा पाकिस्तान में चला गया, जबकि मुख्य बांध भारत में रह गये. इससे उस देश के जमींदार पंजाबियों में बड़ी असुरक्षा पैदा हो गयी थी. कई वर्षों की सघन बातचीत के बाद विश्व बैंक की मध्यस्थता से दोनों देशों के बीच सिंधु जल समझौता हो सका. प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और राष्ट्रपति अयूब खान ने 19 सितंबर, 1960 को कराची में इस पर दस्तखत किये थे. संधि के अनुसार, तीन 'पूर्वी' नदियों- ब्यास, रावी और सतलज- का नियंत्रण भारत को मिला, तो तीन 'पश्चिमी' नदियों- सिंधु, चेनाब और झेलम- का नियंत्रण पाकिस्तान के हिस्से आया.
जनता से रिश्ता इस खबर की पुष्टि नहीं करता है ये खबर जनसरोकार के माध्यम से मिली है और ये खबर सोशल मीडिया में वायरल हो रही थी जिसके चलते इस खबर को प्रकाशित की जा रही है। इस पर जनता से रिश्ता खबर की सच्चाई को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं करता है।
सोर्स: prabhatkhabar